सत्ता परिवर्तन का असर विद्युत विभाग में पडऩे लगा दिखायी
कुर्सी पाने व बचाने की जोड़तोड़ में लगे अफसर व अभियंता
लखनऊ। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर बिजली विभाग के शक्तिभवन से लेकर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय समेत लेसा मुख्यालय में साफ तौर पर झलकने लगा है। शक्तिभवन से लेकर लेसा मुख्यालय पर बैठे अफसर जहां अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में लग गये है वहीं लेसा में वर्षो से मलाई दार सर्किल व डिवीजनों में जमे अभियंता भी जोड़तोड़ में लग गये है। हालांकि बिजली विभाग के सामने गर्मी में बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली मुहैया कराना तथा बकाया राजस्व वसूलना अभियंता प्राथमिकता बता रहे है लेकिन सत्ता की हनक पर जबरदस्ती जमे अभियंताओं की मुश्किल प्रदेश में सरकार बदलने से बढ़ गयीं है। ये अभियंता अभी से भाजपा विधायकों से अपनी नजदीकियां बढ़ाने लगे है लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद तमाम अभियंताओं की कुर्सी बच पाना सम्भव नहीं दिख रहा है। प्रदेश में भाजपा की पूर्ण बहुमत का जनादेश मिलने के बाद शक्तिभवन में सत्ता की बदौलत कुर्सी हथियाने वाले अफसरों के अभी से ही पसीना छूटने लगा है। सत्ता परिवर्तन के पूर्व जो अफसर व अभियंता सत्ता में अपनी हनक बताकर लोगों पर रौब झाडऩे में पीछे नहीं थे अब सत्ता बदलते ही उनके सुर भी बदल गये है। विभागीय जानकारों का कहना है कि शक्तिभवन से लेकर विद्युत वितरण कम्पनियों में तमाम ऐसे अफसर वर्षो से अपने पदों पर जबरदस्ती जमे हुए थे, कई अभियंता ऐसे भी है जिनका स्थानान्तरण भी हो गया लेकिन वे सत्ता में हनक होने के कारण कुर्सी नहीं छोड़ रहे थे। बिजली विभाग में तीन दर्जन से अधिक पदों पर रिटार्यड अफसर भी जबरदस्ती कब्जा जमा रखे थे लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदल जाने के बाद उनके चेहरों पर सत्ता की हनक का रौब पूरी तरह से गायब हो गया है और उनके सुर भी बदल चुके है। मध्यांचल मुख्यालय में भी दो दर्जन से अधिक अभियंता सत्ता के बदौलत जमे है। यहीं हाल लेसा में भी है। लेसा के आधा दर्जन मलाई दार माने जाने वाले डिवीजनों में अधिशासी अभियंताओं का स्थानान्तरण हो जाने के बावजूद उन्हें कोई डिगा नहीं सका। लेसा में चिनहट, रेजीडेंसी, बख्शी का तालाब, सेस प्रथम, सेस द्वितीय, आशियाना, मुंशी पुलिया ऐसे डिवीजन है जहां पर वर्षो से अभियंता अपने पदों पर जमे हैं। उधर सत्ता परिवर्तन की आस लगाये उन अफसरों व अभियंताओं के चेहरे की रौनक बदली नजर आ रही है और वे इन मलाई दार माने जाने वाले डिवीजनों में जाने की जुगत लगाने में जुट गये है। प्रदेश की राजधानी की बिजली आपूत्तर्ि की जिम्मेदारी सम्भालने वाले लेसा को नयी सरकार के सामने परीक्षा की घड़ी भी आ गयी है क्योंकि आने वाले दिनों में गर्मी के दिनों में बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूत्तर्ि कराना व बकाया राजस्व वसूलने के साथ बिजली चोरी रोक पाना आसान नहीं दिख रहा है। चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री द्वारा बिजली का मुद्दा उठाने के बाद अब प्रदेश में सरकार बन जाने से अभियंता काफी घबराये नजर आ रहे है। हालांकि लेसा के अफसरों का कहना है कि प्रदेश की सपा सरकार ने बिजली सुधार में काफी काम कराया है इससे इस बार गर्मी के दिनों में उपभोक्ताओं को बिना रोक टोक बिजली उपलब्ध कराना कोई बड़ी बात नहीं है। अभियंताओं का यह भी तर्क है कि अब प्रदेश को बिजली कमी भी नहीं हो सकेगी और मांग के अनुरुप बिजली भी आसानी से मिल सकेगी।
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