बीएसपी प्रमुख मायावती बीजेपी के विजयरथ को रोकने के लिए ऐंटी बीजेपी दलों के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं. डॉ. आंबेडकर की 126वीं जन्मतिथि के कार्यक्रम में बालते हुए मायावती ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और ईवीएम से छेड़छाड़ के खिलाफ संघर्ष के लिए बीएसपी को बीजेपी विरोधी दलों की मदद लेने में कोई आपत्ति नहीं है. मायावती ने आरोप लगाया कि BJP ने उत्तर प्रदेश की 403 में से 250 सीटों पर EVM से छेड़छाड़ की.
आंबेडकर जयंती के मौके पर लखनऊ में मायावती ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘लोकतंत्र को बचाना प्रमुख उद्देश्य है.” समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ‘मायावती ने कहा कि ‘ईवीएम छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ संघर्ष में उन्हें किसी भी पार्टी से समर्थन लेने में परहेज नहीं है.’ उन्होंने 11 अप्रैल को ईवीएम के विरोध में बसपा के धरना प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि अगर ईवीएम के मुद्दे पर बाकी विपक्षी दल साथ आते हैं तो वो इसे आगे बढ़ाएंगी.
मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को इस शर्त के साथ बीएसपी उपाध्यक्ष बनाया कि वो कभी सांसद, विधायक या मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे.बीएसपी सरकार के कार्यकाल में बेची गई चीनी मिलों की जांच कराने के योगी सरकार के फैसले पर उन्होंने कहा कि उन्हें बीजेपी इसलिए निशाना बना रही है ताकि वो ईवीएम के ख़िलाफ़ बोलना बंद कर दें.
मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों पर सफाई देते हुए मायावती ने कहा, ‘2007 में पूर्ण बहुमत की BSP सरकार में कई मुस्लिम MLA भी थे, लेकिन हमने यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने दिया. मैं दलित, पिछड़े, अपर कास्ट के लोगों को यकीन दिलाना चाहती हूं कि आगे भी बीएसपी सरकार बनी तो यूपी को पाकिस्तान नहीं बनने दूंगी.’
हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीद कर रही बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था. चुनाव नतीजे आने से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने चुनावबाद गठबंधन के संकेत दिये थे. तभी से राज्य की इन दो सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी पार्टियों में भविष्य में गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही हैं.