बुंदेलखंड के दौरे के बाद गुरुवार देर रात लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने 8 विभागों का प्रजेंटेशन देखने के बाद संस्कृति विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि यश भारती पुरस्कार की गहनता से समीक्षा की जाए.उन्होंने कहा कि पुरस्कारों के वितरण के दौरान उसकी गरिमा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. अपात्रों को अनावश्यक पुरस्कृत करने से पुरस्कार की गरिमा गिरती है.
यश भारती सम्मान की शुरुआत मुलायम सिंह यादव ने की थी लेकिन मायावती ने इस पुरस्कार के वितरण पर रोक लगा दी थी, लेकिन 2012 में सत्ता में वापस लौटने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर से इस सम्मान को देना शुरु किया था। लेकिन इस सम्मान समारोह पर सवाल तब खड़े हो गए जब अखिलेश यादव ने इस सम्मान को गरीबों की आर्थिक मदद के लिए भी देना शुरु कर दिया।
यश भारती सम्मान पाने वालों 11 लाख रुपए की इनामी राशि दी जाति है, इसके बाद उन्हें जिंदगीभर 50 हजार रुपए की मासिक पेंशन दी जाती है. इस पुरस्कार को पाने वालों में बड़ी नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं, जिसमें मुख्य रूप से अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, हरिवंश राजय बच्चन, जया बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, शुभा मुद्गल, रेखा भारद्वाज, अरुणिमा सिन्हा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नसीरूद्दीन शाह, भुवनेश्वर कुमार, रवींद्र जैन, कैलाश खेर, रीता गांगुली जैसी हस्तियां शामिल हैं.
वहीं सीएम योगी ने भातखंडे संगीत संस्थान पर भी चर्चा करते हुए कहा कि इसकी शाखाएं प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्थापित करने की सम्भावनाओं को तलाशा जाए, क्योंकि संगीत में बालिकाओं की रुचि होती है. ऐसे में उन्हें एक अच्छे संगीत संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा.