- निशातगंज और निरालानगर ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण व अवैध पार्किंग की भरमार
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। जिला प्रशासन, राजधानी पुलिस और नगर निगम ने इन दिनों राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने बीड़ा उठा रखा है। व्यस्त सड़कों पर युद्ध स्तर पर अतिक्रमण व अवैध पार्किंग पर नकेल कसने के लिये तमाम जतन किये जा रहे हैं। लेकिन, शहर के बीचोबीच स्थित निशातगंज, सीतापुर रोड व निरालानगर ओवरब्रिज के नीचे किसी का ध्यान नहीं जा रहा। दोनों ही ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण व अवैध पार्किंग की भरमार है, जिसके चलते दोनों इलाकों में दिनभर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। तमाम अभियान के बीच इन अतिक्रमणकारियों की मौजूदगी मानो डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त को चुनौती दे रही है कि यहां अतिक्रमण हटाइये तो जानें!
निशातगंज की ही तरह निराला नगर ओवरब्रिज का निचला हिस्सा भी कब्जेदारी का शिकार हो चुका है। यहां पर मंडी न होने की वजह से दुकानें तो नहीं सजती लेकिन, इसके निचले हिस्से को स्थानीय व्यापारियों ने पार्किंग बना लिया है। लाइन से खड़े चौपहिया वाहन नीचे की सड़क को संकरा बना रहे हैं। वही विवेकानंद अस्पताल स्थित सेतु के नीचे भी तमाम कब्जे है। पर, इस ओर किसी भी महकमे का ध्यान नहीं जा रहा।
निशातगंज: फलमंडी गुलजार
निशातगंज ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमणकारी किस कदर बेखौफ हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नीचे की सड़क को बांस के टट्टर लगाकर घेर लिया गया है। जो जितना बड़ा दबंग उसका उतने बड़े एरिया पर कब्जा। टट्टर के भीतर फलों का गोदाम बनाया गया है। इनके आगे दुकानदार फलों की दुकान सजाते हैं। दुकानों के आकार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह दुकानें ठेले से लेकर जमीन तक फैली होती है। वहीं, दुकानों के आसपास फलों को रखने व सजावट के लिये डलिया व अन्य सामान ढेर रहता है। ओवरब्रिज के नीचे अतिक्रमण और सड़क के दूसरी ओर दुकानों पर आने वाले ग्राहकों की गाडिय़ां सड़क को बेहद संकरा बना देती है। जिसके चलते इस रास्ते पर दिनभर जाम लगा रहता है। आलम यह है कि मामूली दूरी को तय करने में कई बार लोगों को घंटों का इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो राहगीरों व अतिक्रमणकारियों के बीच विवाद भी हो जाता है। अतिक्रमण व अवैध पार्किंग का सिलसिला दशकों से जारी है लेकिन, इस ओर न पुलिस का ध्यान जाता है और न ही नगर निगम का। गाडिय़ों व अतिक्रमण का ऐसा मकडज़ाल है कि महज 150 मीटर के इस टुकड़े को पार करने में लंबा वक्त लगता है। वहीं, अगर कोई इसे बिना किसी बाधा पार कर जाए तो वह इसे अपने लिये बड़ी उपलब्धि मानता है। वहीं, चौराहे पर ट्रैफिक संभालने के लिये एक भी ट्रैफिककर्मी का तैनात न होना विभागों की इसके प्रति मंशा को भी दर्शाता है।