खादी ग्रामोद्योग के बढ़ते कदम
कबीते दो वर्षों के दौरान ग्रामोद्योग में 1,52,000, पीएमईजीपी में 1,27,000, खादी उद्योग में 22,000 और स्फूर्ति कार्यक्रम में 12,000 लोगों को मिला रोजगार
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। खादी वस्त्र नहीं, विचार है। खादी ग्रामोद्योग इस विचार का प्रसार कर रोजग़ार की अधिकतम संभावनायें तलाश रहा है। राष्ट्रीय अर्थ व्यवस्था का महत्वपूर्ण घटक और देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग आठ प्रतिशत एवं विनिर्माण क्षेत्र में 45 प्रतिशत का योगदान करने वाला सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम क्षेत्र रोजगार प्रदान करने में भी कृषि के बाद दूसरे स्थान पर है।
केन्द्र सरकार के सहयोग से बीते दो वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में खादी की पंजीकृत कुल 664 संस्थाओ ने 289 करोड़ रुपये के खादी वस्त्रों का उत्पादन कर, 452 करोड़ रुपये की बिक्री की है। साथ ही इस दौरान खादी ग्रामोद्योग आयोग की विभिन्न योजनाओं में लगभग 4.11 लाख लोगों को रोजगार देने का रिकार्ड भी बना है। बीते दिनों राजधानी में विभागीय योजनाओं के द्वारा रोजग़ार सृजन में और इज़ाफा करने के लिये खादी कार्यक्रम विकास और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत व्यापक परिचर्चा हुई।
इस दौरान केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने निर्देश दिये कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार सृजन की कार्य योजना तैयार की जाय। उन्होंने कहा, प्रदेश में बीते दो वर्षों के दौरान खादी उद्योग, ग्रामीण उद्योग, प्रधानमंत्री रोजगर सृजन कार्यक्रम, परम्परागत उद्योगों के पुर्नसृजन हेतु निधि योजना (स्फूर्ति), खादी कारीगरों के लिये वर्कशेड योजना, आम आदमी बीमा योजना और विपणन विकास सहायता के तहत अभूतपूर्व कार्य किया गया है।
केन्द्रीय मंत्री ने बीते तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश में खादी को प्रोत्साहित करने के लिये भारत सरकार द्वारा दी गई आर्थिक सहायता और उपलब्धियों को साझा किया।
उन्होंने बताया प्रदेश में खादी कार्यक्रमों में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 7,917 कामगारों को वर्कशेड प्रदान कर बेहतर कार्य माहौल उपलब्ध कराया गया है। इस योजना में केन्द्र सरकार ने 35.94 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय को खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से 11.79 लाख उम्मीदवारों को कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाने का निर्धारित है। इसके सापेक्ष उत्तर प्रदेश में बीते दो वर्षों के दौरान ग्रामोद्योग में 1,52,000, पीएमईजीपी में 1,27,000, खादी उद्योग में 22,000 और स्फूर्ति कार्यक्रम में 12,000 लोगों को रोजगार मिला है। तो वहीं रोजगार सृजन के साथ ही अवस्थापना सृजन और नये उद्योग में प्रशिक्षित करने के लिये 16,263 व्यक्तियों को विभिन्न ट्रेडो में प्रशिक्षित किया गया है।
उन्होंने कहा, पीएमईजीपी योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने के लिये केन्द्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 से इसकी सारी प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है।केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का क्रियान्वयन सूबे में जिला उद्योग केन्द्र 40 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड 30 प्रतिशत एवं खादी और ग्रामोद्योग आयोग 30 प्रतिशत वर्ष 2008 से कर रहा है।खादी ग्रामोद्योग आयोग विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार सृजन कर रहा है। उन्होंने बताया, इसके अलावा राज्य में खादी भवन एवं खादी भण्डारों का नवीनीकरण कार्य त्वरित गति से कराया जा रहा है। अभी तक 57 भण्डारों को वातानुकूलित एवं नवीनीकरण करा दिया गया है। इस दौरान संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य में कार्यरत खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इसमें खादी कार्यक्रम के साथ ही सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम के अन्य कार्यक्रमों व योजनाओं पर भी चर्चा हुई।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की उपलब्धियां
पीएमईजीपी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक 13,357 सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर लगभग 1,27,418 लोगों को रोजगार मिला है। इस दौरान केन्द्र सरकार ने कुल ऋण लगभग 1797 करोड़ के सापेक्ष 454 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। वहीं स्फूर्ति कार्यक्रम के तहत अब तक कुल चार खादी एवं तीन ग्रामोद्योगी कलस्टर की स्थापना से 7,000 लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया। 11 ग्रामोद्योगी कलस्टरों की स्थापना 2594 लाख रुपये से की जा रही है। साथ ही आम आदमी बीमा योजना के तहत 18 से 59 वर्ष के 1,62,419 बुनकरों को बीमित किया गया है।
इन योजनाओं में केंद्र ने दी सहायता
केन्द्र सरकार ने बीते दो वर्षों में प्रदेश की 664 खादी संस्थाओं के माध्यम से खादी कार्यक्रम क्रियान्वित करने के लिये विपणन विकास सहायता के तहत 85 करोड़ रुपये का अनुदान दिया। वहीं ब्याज उपादान योजना के तहत लगभग 29 करोड़ रुपये वितरित किये।वहीं प्रदेश में 11 अत्यधिक कमजोर खादी संस्थाओं को मजबूती देने के लिये 55.53 लाख रुपये का अनुदान मिला। खादी रिफार्म डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत 55 खादी संस्थाओं को 47.80 करोड़ रुपये अनुदान मिला, इन संस्थाओं में लगभग 10,000 लोगों को सीधे गांवों में रोजगार मिलेगा।