मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी को लखनऊ कैंपस के लिए जल्द ही जमीन मिल सकती है. विश्वविद्यालय के कुलपति, जफर सरेशवाला ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और परिसर के लिए जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. कहा जाता है कि मुख्यमंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया है.
उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए 1998 में स्थापित किए गए मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति के तौर पर जफर सरेशवाला की नियुक्ति 2015 में हुई सरेशवाला ने एक समाचार चैनल बताया कि राज्य के मदरसों के आधुनिकीकरण और उत्तर प्रदेश मदरसा तालीमी बोर्ड को मजबूती प्रदान करवाने के बारे में सीएम साहब से बात हुई.
सरेशवाला ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी से उनकी लगभग आधे घंटे तक बात हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री और उनकी मुस्लिमों से जुड़े कई मसले पर चर्चा हुई. उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री ने मुसलमानों के शैक्षिक विकास के लिए हर संभव मदद करने की बात कही है.
बता दें कि मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू यूनिवर्सिटी का मेन कैंपस हैदराबाद में स्थित है. यूनिवर्सिटी का रीजनल कैंपस अलग-अलग राज्यों में भी है. लखनऊ में परिसर निर्माण होने के बाद वह यूनिवर्सिटी का 12वां रीजनल सेंटर होगा.
यूपी में 48,000 हजार मदरसे हैं जो सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं लेकिन कई प्रयासों के बाद भी इन मदरसों की जमीनी हकीकत बहुत नहीं बदली है.
योगी आदित्यनाथ ने मई के तीसरे सप्ताह में आयोजित होने वाले तालिम-ओ-तरबियत कार्यक्रम में में मुख्य वक्ता होने पर भी अपनी सहमती दे दी है. यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे सरेशवाला देशभर में आयोजित करते हैं और इस माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय में पढ़ाई-लिखाई के जरूरत का प्रचार-प्रसार करते हैं.