केंद्र ने माल वाहनों की ढुलाई क्षमता बढ़ाने का जारी किया नोटिफिकेशन
प्रत्येक वाहन में 15 से 17 फीसदी बढ़ायी गयी लोडिंग क्षमता
अंग्रेजों के जमाने का चल रहा था वाहनों में माल ढुलाई का नियम
लखनऊ। बढ़ती महंगाई और डीजल के दामों में लगातार वृद्घि का सीधा असर आमजन पर पड़ रहा है। डीजल के दामों में हो रही लगातार वृद्घि से जहां माल ढुलाई महंगी होती जा रही है तो वहीं वाहनों के माल ढुलाई की क्षमता निर्धारित होने से आमजन पर दोहरी मार पड़ रही है। केंद्र सरकार ने आमजन और ट्रांसपोर्टरों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत अब माल ढुलाई वाले वाहनों की क्षमता बढ़ा दी गयी है। भारत सरकार ने बीते 18 जुलाई को माल ढुलाई वाले वाहनों की क्षमता बढ़ाए जाने संबंधी शासनादेश सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिव परिवहन, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर व डीजीपी पुलिस को भेज दिया है। सभी माल ढुलाई वाले वाहनों की क्षमता में 15 से 17 फीसदी की वृद्घि की गयी है। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सभी प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों की ग्रुप ऑफ मीटिंग में यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। जिसके बाद बीती 16 जुलाई को केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। बताते चलें कि माल ढुलाई वाले वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या आम है। वाहनों में ओवरलोडिंग न हो इसके लिए मौजूदा प्रदेश सरकार काफी संजीदा है। हालांकि सरकार की सख्ती के बावजूद ओवरलोडिंग की समस्या पर लगाम नहीं लग पा रही है। ओवरलोड वाहनों से सबसे अधिक नुकसान सड़कों को होता है। जिसके चलते पूरी आवागमन व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है और दुर्घटनाओं के चलते जानमाल का नुकसान होता है। वहीं डीजल में लगातार वृद्घि के चलते ट्रांसपोर्टर भी लगातार माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं। जिसके चलते ही सरकार ने इसका फैसला लिया।
आरसी में बदलाव समेत फंसेगे अन्य पेंच
माल ढुलाई वाहनों की क्षमता बढ़ाने का नोटिफिकेशन भले ही केंद्र ने प्रदेश सरकारों को जारी कर दिया है, लेकिन सड़क पर संचालित वाहनों की लोडिंग क्षमता को लेकर बड़ा पेंच फंसेगा। परिवहन विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि नए नोटिफिकेशन से माल ढुलाई वाहनों से संबंधित कई बदलाव अहम होंगे। इसमें पुराने वाहनों के आरसी पेपर में बदलाव बहुत जरुरी होगा। नहीं तो सड़क पर प्रवर्तन दस्तों व चालकों के बीच निर्धारित क्षमता से अधिक माल ले जाने को लेकर बराबर तूतू-मैंमैं होती रहेगी। फिलहाल नई व्यवस्था नए रजिस्टर्ड हो रहे माल वाहनों में की जा सकेगी। पुराने माल वाहनों के पेपर में नई व्यवस्था कैसे लागू की जाएगी यह देखने वाली बात होगी। हजारों पुराने माल वाहनों की आरसी पेपर जिस पर पुरानी लोडिंग क्षमता दर्ज है उसे नए ढंग से कैसे सुधारा जाएगा, यह भी देखना होगा। अवध ट्रक ऑपरेटर ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष करमवीर के के अनुसार यह मांग बहुत दिनों से की जा रही थी, जिस पर देर से अमल किया गया। उनका कहना है कि सबसे अधिक ओवरलोडिंग खनन मामलों में होती है, जिस पर अलग से मॉनीटरिंग होनी चाहिए।
अंग्रेजों के जमाने के नियम में अब हुआ बदलाव
सड़कों का स्वरूप बदल गया, ट्रकों व टॉयरों की टेक्नोलॉजी बदल गई लेकिन माल वाहन लोडिंग क्षमता से जुड़ा नियम अंग्रेजों के जमाने वाला ही रहा। नतीजा ओवरलोडिंग कम होने की बजाय सड़कों पर ओवरलोड वाहनों की संख्या और रफ्तार बढ़ती ही चली गई। अब ओवरलोडिंग रोकने के लिए केंद्र ने सफल प्रयास किया है। ट्रकों की माल लोडिंग क्षमता को बढ़ाने के पीछे तर्क दिया गया है कि इस कदम से काफी हद तक ओवरलोडिंग के मामले कम होते जाएंगे। एक तरफ जहां सड़कों पर ओवरलोडिंग को लेकर प्रवर्तन टीम का उत्पीडऩ कम होगा, तो वहीं दूसरी तरफ ट्रांसपोर्टरों की माल परिवहन लागत कम हो जाएगी, जिससे वस्तुओं के दामों में भी कमी होगी। इसका सीधा फायदा आमजन को मिलेगा।
प्रदेश में हैं सात लाख माल वाहन
प्रदेश के परिवहन विभाग के तहत आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में पंजीकृत ऑनरोड माल वाहनों की संख्या सात लाख के आसपास है। जिसमें ट्रक, लारी, मल्टी एक्सल वाहन, चार और तिपहिया माल वाहन शामिल हैं। इनमें मल्टी एक्सेल वाहन १२७६५५, ट्रक एंड लारी १९०६७८, चार व तिपहिया माल वाहन ३७१०४० शामिल हैं।
माल वाहनों की लोडिंग की पुरानी व्यवस्था
माल वाहनों की लोडिंग क्षमता जिस नियम के तहत अब तक चल रही थी वो अधिकतर अंग्रेजों के जमाने के थे। जानकारों की मानें तो देर से ही सही केंद्र ने कम से कम ओवरलोडिंग की समस्या की व्यवहारिक समीक्षा तो की? माल वाहनों की लोड क्षमता 1988 तक अंग्रेजों के नियम के हिसाब से चल रही थी। फिर राजीव गांधी सरकार ने इसकी समीक्षा की और कुछ आंशिक बदलाव किए। 1996 में फिर से वाहनों की माल लोडिंग क्षमता में बदलाव किया गया। जिसकी केंद्र ने फिर से व्यवहारिक समीक्षा की और बीती 16 जुलाई को माल वाहन लोडिंग क्षमता को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया।
इतनी बढ़ायी गयी वाहनों की लोडिंग क्षमता
वाहन पहले अब लोडिंग क्षमता
छह चक्का 16 टन 19 टन
10 चक्का 25 टन 28.5 टन
12 चक्का 31 टन 36 टन
14 चक्का 34 टन 46.5 टन