- सण्डीला औद्योगिक क्षेत्र स्थित पेप्सिको प्लांट 120 दिनों में हुआ स्थापित, शुरू हुआ उत्पादन
- वरुण बेवरेज ने प्रथम चरण में किया 440 करोड़ का निवेश, मिलेगा दो हजार लोगों को रोजगार
- उद्योग मंत्री सतीश महाना और वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने किया उद्घाटन
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम के औद्योगिक क्षेत्र सण्डीला में पेप्सिको के नये प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया है। वरुण बेवरेज लिमिटेड के इस प्लांट का उद्घाटन प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल व सतीश महाना ने किया। इस प्लांट में पेप्सी ब्राण्ड की कोल्ड ड्रिंक्स बनाई जाएगी। कम्पनी की इस यूनिट की शुरुआत होने से बड़े पैमाने पर रोजगार की उम्मीद जगी है। राज्य वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल व औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने उद्घाटन के बाद कम्पनी में बन रही कोल्ड ड्रिंक्स का निरीक्षण किया। प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि सण्डीला में इस यूनिट ने सिर्फ 120 दिन में यह प्लांट तैयार किया है जो काबिले तारीफ है। इस कम्पनी की यूपी में सात ईकाईयां चल रही हैं। अब सण्डीला में भी इसकी शुरूआत हो गई है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि प्रदेश में सरकार उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। सरकार पूरी तरह से व्यापारियों व उद्यमियों के साथ खड़ी है।
जानकारों की मानें तो बाटलिंग क्षेत्र की अपनी समकक्ष कंपनियों को पीछे छोड़ते हुये हाल ही में ब्राण्ड एचीवर एवार्ड जीतने वाली वरुण बेवरेज मैंगो बेल्ट सण्डीला के बागवानों के लिये जल्द बड़ी खुशखबरी का ऐलान कर सकती है। कंपनी इस संयंत्र से अपना मैंगो प्रोडक्ट लांच करने पर विचार कर रही है, जिससे स्थानीय आम के बागवानों को लाभ मिलता तय है। स्थानीय निवासियों ने कहा बहुराष्टरीय कंपनी वरुण बेवरेज का यह संयंत्र स्थापित होने से क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। बेरोजगारों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा। साथ ही छोटे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। भाजपा नगर अध्यक्ष अतुल तिवारी ने प्लांट में स्थानीय निवासियों की नियुक्त के लिये कैबिनेट मंत्री संतीश महाना को ज्ञापन देकर तीस प्रतिशत स्थानीय श्रमिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग की।
बता दें कि आर. जे. कार्प के चेयरमैन रवि कान्त जयपुरिया ने वर्ष 1960 में ताजनगरी आगरा से बाटलिंग के क्षेत्र में कदम रखा और वर्तमान में देश और विदेश में अपनी कंपनी के प्लांट स्थापित कर चुके हैं। कंपनी ने उत्तर प्रदेश में अपना छठवां बाटलिंग प्लांट जनपद हरदोई के सण्डीला औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में मथुरा जनपद के कोसीकला, जौनपुर के सतारिया, कानपुर देहात के जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र सहित गौतमबुद्ध जनपद के ग्रेटर नोयडा में कंपनी के दो बाटलिंग प्लांट संचालित हैं। वहीं वरुण बेवरेज देश के बाहर नेपाल, श्रीलंका, मोरक्को, जांबिया और मोंजांबीक आदि देशों में पेप्सी का उत्पादन कर रही है। उद्घाटन समारोह में पेप्सिको के सीईओ एशिया संजीव चढ्ढा, चैयरमैन रवि जयपुरिया, मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल अग्रवाल, अतुल तिवारी, लोकेश सैनी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
रिकार्ड समय में स्थापित हुआ संयंत्र
औद्योगिक क्षेत्र सण्डीला में कंपनी को नवम्बर 2016 में भूखण्ड आवंटित हुआ। 90 एकड़ के इस भूखण्ड पर मार्च 2017 तक संयंत्र का निर्माण कार्य पूरा कर उत्पादन प्रारम्भ करने का लक्ष्य था। युद्धस्तर पर संयंत्र का निर्माण कराकर उत्पादन प्रारम्भ कराने के पीछे कंपनी प्रबंध तंत्र के साथ ही यूपीएसआईडी के अधिकारियों का भी बड़ा योगदान है। वरुण बेवरेज के इस संयंत्र में प्रतिवर्ष 40.32 लाख साफ्ट ड्रिंक और इतनी ही ड्रिंकिंग वाटर बॉटल एवं जार का उत्पादन होगा। देश में पेप्सी की 44 प्रतिशत आपूॢत करने वाली कंपनी अपने इस संयंत्र में पेप्सी, मिङ्क्षरडा आरेन्ज-लेमेन, एक्वाफिना, माउण्टेन ड्ïयू और सोडा आदि का उत्पादन करेगी। इस संयंत्र की स्थापना से राजधानी के समीपवर्ती जनपदों में पेप्सी के रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या में इजाफा होगा। पानी के लिये वाटर ग्राउण्ड बोर्ड द्वारा सुरक्षित क्षेत्र घोषित सण्डीला के इस निर्माणाधीन संयंत्र में कंपनी पानी का री-साइकल कुछ ऐसी तकनीकी से करेगी जिससे पानी की वेस्टेज शून्य होगी।
सण्डीला औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगी नई पहचान
जनपद हरदोई स्थित उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के औद्योगिक क्षेत्र सण्डीला में बहुराष्टरीय कंपनी वरुण बेवरेज ने प्रथम चरण में 440 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी इस बाटलिंग संयंत्र में शीतल पेय पेप्सी और ड्रिंकिंग वाटर बाटल एवं जार का उत्पादन करेगी। इस संयंत्र के प्रारम्भ होने से लगभग 2000 रोजगार का सृजन होगा, साथ ही क्षेत्र का विकास एवं औद्योगिक क्षेत्र सण्डीला को नई पहचान मिलनी तय है।
सपा सरकार में मिली थी प्लांट को मंजूरी
सण्डीला में शुरू हुए पेप्सिको के इस प्लांट की मंजूरी सपा सरकार में मिली थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट की बैठक में इस प्लांट की मंजूरी दी, तो काफी तेजी से इसका निर्माण काम शुरू हुआ। करीब चार महीनों में ही यह न सिर्फ बनकर तैयार हो गया, बल्कि प्लांट में उत्पादन भी शुरू हो गया है।