विद्युत दुर्घटनाओं पर लगाम के लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा ने उठाया कदम
लखनऊ। विद्युत लाइनों व अन्य उपकरणों पर कार्य करते समय होने वाली दुर्घटना को रोकने के लिए प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उप्र पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष आलोक कुमार ने कड़े निर्देश जारी किये हैं। उन्होंने अनुरक्षण कार्य को शट डाउन लेने व पुन: आपूर्ति चालू करने की प्रक्रिया में कार्मिकों की जिम्मेदारी तय कर दी है। अब इसमें लापरवाही या अनियमितता बरती गयी तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के सभी वितरण निगमों व केस्को के प्रबंध निदेशकों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि अब एलटी लाइनों व हाईटेंशन 11 केवी लाइनों का शट डाउन टीजी-2 (पुराना नाम लाइनमैन), 11 केवी व 33 केवी लाइनों के लिए सम्बंधित अवर अभियंता वितरण और 33 केवी से ऊपर के कार्यों के लिए सम्बंधित उपखंड अधिकारी ही शट डाउन ले सकेगा। अब किसी भी संविदाकर्मी को कोई शट डाउन नहीं दिया जाएगा। साथ ही विभागीय टीजी-2 (या लाइन मैन) से कम स्तर के स्टाफ को भी कोई शट डाउन नहीं दिया जाएगा। 33 केवी व इससे ऊपर के कार्यों के लिए तय कार्य स्वीकृत प्रक्रिया का पालन अनिवार्य कर दिया गया है। सभी 33/11 केवी उपकेन्द्रों पर शट डाउन के लिए कर्मचारियों को शट डाउन मूवमेंट रजिस्टर और एथराइजेशन रजिस्टर भरना जरूरी होगा। प्रमुख सचिव ने लाइन पर कार्य करने के दौरान सुरक्षा उपकरण जैसे हेलमेट, सेफ्टीबेल्ट, हैन्डग्लब्स आदि उपकरणों का प्रयोग अनिवार्य करने के भी निर्देश दिये हैं। शट डाउन रजिस्टर में टीजी-2 (लाइन) के साथ कार्य करने वाले संविदाकर्मियों का नाम मय परिचय पत्र संख्या के अनिवार्य रूप से लिखा जाएगा। साधारण स्थिति में मोबाइल पर शट डाउन नहीं दिया जाएगा। लेकिन किसी अपरिहार्य स्थितियों में टेलीफोन मोबाइल पर शट डाउन अवर अभियंता के संज्ञान में लाते हुए कोडवर्ड के साथ दिया जाएगा।
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