-
आबकारी विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों की कमी होगी पूरी
-
होमगार्डस विभाग ने स्वयं सेवकों को रोजाना 510 रुपए दिए जाने की मांग की
लखनऊ। यूपी में शराब की तस्करी को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग के बार- बार नाकाम होने पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। आबकारी विभाग और पुलिस विभाग के आपसी सामंजस्य न होने और छापे के दौरान आबकारी विभाग की प्रवर्तन टीम को पुलिस संरक्षण न मिलने के कारण यूपी में अवैध शराब की तस्करी और आवाजाही पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
इस समस्या से निपटने के लिए आबकारी विभाग में प्रवर्तन सिपाहियों की कमी को पूरा करने के लिए फिलहाल होमगाड्र्स की ड्यूटी लगाने का निर्णय लिया गया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार शराब की तस्करी को रोकने के काम में अब आबकारी सिपाहियों के साथ होमगाड्र्स भी शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश डालते हुए नजर आएंगे। यूपी सरकार ने यह फैसला आबकारी विभाग में सिपाहियों की कमी की वजह से लिया है। आबकारी विभाग में सिपाहियों के 50 प्रतिशत के करीब पद रिक्त हैं।
आबकारी सिपाहियों की भर्ती होने तक होमगाड्र्स स्वयंसेवक आबकारी विभाग के प्रवर्तन कार्यों (छापेमारी) के लिए तैनात किए जाएंगे। इसके लिए होमगाड्र्स विभाग ने आठ घंटे की ड्यूटी के लिए स्वयं सेवकों को रोजाना 510 रुपए दिए जाने की मांग की है। यूपी सरकार ने हाल ही में हुई राजस्व सुरक्षा को लेकर हुई बैठक में यह निर्णय लिया है।
यूपी के सभी जिलों में होमगाड्र्स की समुचित संख्या मौजूद है। ऐसे में आबकारी विभाग के प्रवर्तन कार्यांे के लिए होमगाड्र्स मिलने में कोई दिक्कत भी नहीं होगी। पहले चरण में 500 होमगाड्र्स की मांग की गई है। यूपी के आबकारी आयुक्त ने इस सम्बंध में बताया कि आबकारी विभाग के प्रवर्तन कार्यों में होमगाड्र्स तैनात करने का औपचारिक निर्णय हो चुका है। लेकिन होमगाड्र्स को उनकी ड्यूटी के भुगतान की राशि की मांग की गई है।
इस कार्य के लिए सरकार जैसे ही बजट अलाट करेगी, यह कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इधर कुछ माह में कुशीनगर, सहारनपुर, बाराबंकी, सीतापुर आदि जनपदों में विषाक्त शराब की सेवन से दर्जनों लोगों की मौंत हो चुकी है। सरकार शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।