- रिहाइशी इलाकों में शिफ्ट करने का बच्चों के साथ महिलाएं कर रहीं कड़ा विरोध
- उतरीं सड़कों पर, आये दिन दुकानों पर कर रहीं तोड़फोड़ कई दुकानों को लगायी आग, शराब की बोतलें फोड़ीं
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईवे से हटाकर रिहाइशी इलाकों में शराब की दुकानें खोले जाने से आक्रोशित जनता अब आंदोलित हो गयी है। शराब को लेकर पहले से परेशान महिलाओं के साथ बच्चे भी सड़कों पर हंगामा कर रहे हैं। प्रदेश के कस्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों में हंगामा, तोड़फोड़ और आगजनी से कानून-व्यवस्था पर सीधा असर पड़ा है। आंदोलित जनता ने बिहार की तर्ज पर यूपी में भी शराब बंदी की मांग शुरू कर दी है।सहारनपुर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, लखीमपुर, गोंडा, अम्बेडकरनगर समेत कई जिलों में शराब की दुकानों पर तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया गया। कई स्थानों पर दुकानों से बोतलें निकालकर उन्हें सड़क पर फोड़ा गया। कई दुकानदारों की जमकर पिटाई भी की गई है। लखीमपुर खीरी जिले में बड़ी संख्या में आवास विकास रेलवे क्रासिंग स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर महिलाओं ने धावा बोल दिया। महिलाओं और बच्चों ने बच्चे नहीं बिगड़ने देंगे, शराब नहीं बिकने देंगे आदि स्लोगन लिखी हुई पट्टियां लिये थे। वहां रखी शराब व बीयर की बोतलों को तोड़ा गया । मौके पर पहुंची पुलिस ने इन महिलाओं को समझाकर वापस भेजा। वहीं गोंडा जिले के महाराजगंज पुलिस चौकी के निकट देशी शराब की दुकान को महिलाओं व बच्चों ने आग के हवाले कर दिया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पियक्कड़ों के जमावड़े व ज्यादती के चलते नवयुवतियों व महिलाओं को यहां से निकलना दूभर हो गया था। प्रशासन को बार-बार शिकायत करने के बावजूद दुकान बंद नहीं करवाई जा रही थी, इसीलिए हम लोगों ने इसे जला दिया। उधर अम्बेडकरनगर के अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के मिर्जापुर कोड़रा गांव में ग्रामीणों ने शराब की दुकान पर तोड़फोड़ की, वहां रखी शराब की बोतलों को नष्ट कर दिया। स्थानीय पुलिस ने मौके से 10 लोगों को हिरासत में लिया है, बाद में आठ पर मुकदमा दर्ज कर कई अज्ञात के खिलाफ भी एफआईआर की गयी है।