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सट्टे पर सट्टा

बिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। देश भर में हर तरफ सट्टïे का मौसम चल रहा है। इस मौसम में न किसी को ठंड लग रही है और न ही गर्मी का एहसास हो रहा है। वजह भी साफ है कि उन्हें इस बारे में सोचने का मौका कहां है? जी हां, हम बात कर रहे है आईपीएल की। आईपीएल का सट्टïा बाजार का आकलन कर पाना किसी के लिए मुमकिन नहीं क्योंकि हर गली हर युवा इसमें बढ़-चढ़ के पैसा लगा रहा है। कोई अपनी बर्बादी की पटकथा लिखने में व्यस्त है तो कोई माल कमाने में।

लेकिन मजे की बात तो ये है कि इसकी रोकथाम का जिम्मा जिनके सिर पर है, वो चुनाव में व्यस्त है। रायल चैलेंजर्स बेंगलोर और मुंबई इंडियंस के मैच के दौरान बीते गुरुवार की रात क्राइम ब्रांच और वाराणसी की आदमपुर पुलिस की टीम ने विजयीपुर कोनिया में एक मकान में छापेमारी कर सट्टेबाजी के अवैध खेल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने तीन लोगों को आठ लाख 10 हजार रुपये, आठ मोबाइल, एक टीवी, 11 रजिस्टर सहित अन्य सामान के साथ गिरफ्तार किया है। लेकिन पुलिस कभी इनके मुख्य बुकी तक क्यों नहीं पहुंच पाती है।

सूत्र की माने तो उसने साफ बताया है कि ऐसे मामलों में पुलिस की गठजोड़ रहता है और जेब ऊपर तक गर्म की जाती है, जिससे धंधा आराम से बिना रोक- टोक के चलता रहे। सूत्र ये भी बताते है कि खास सावधानी यह बरती जाती है कि एक मोबाइल नंबर का उपयोग दोबारा नहीं किया जाता है और बिना भरोसे के सट्टïे में भाग नहीं लेने दिया जाता है। बता दे कि लखनऊ शहर में इस आईपीएल में अब तक कोई नहीं पकड़ा गया है। इस सट्टïेबाजी प्रकरण पर लखनऊ पुलिस के वरिष्ठï पुलिस अधीक्षक से बात करनी चाही तो वे किसी प्रकरण में व्यस्त थे।

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जिनके सिर जिम्मा, वो चुनाव में व्यस्त

हर साल आईपीएल के दौरान करोड़ों- अरबों का सट्टïा बाजार चलता है। लेकिन इसको रोक पाना इतना आसान नहीं है। यदि पुलिस सख्त होती भी है तो चंद लोगों कीधरपकड़ कर इतश्री कर ली जाती है। लेकिन इस बार तो पुलिस चुनाव में व्यस्त है, इसका सीधा फायदा सट्टïेबाज उठा रहे है। गली- गली छोटे बच्चे भी अब सट्टïे पर सट्टïा लगा रहे हैं। देश के कई हिस्सों में हाल तो ये है कि पुलिस के साथ गठजोड़ किया गया है।

कोड भाषा का होता है इस्तेमाल

सट्टेबाजी का अवैध धंधा संचालित करने के लिए कोडयुक्त भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे, बुकी के लिए डिब्बा, एजेंट के लिए पंटर, क्लाइंट के लिए लाइन, भाव के लिए डिब्बे की आवाज, 20 ओवर के लिए लंबी पारी, 10 ओवर के लिए सेशन, एक लाख के लिए एक पैसा, 25 हजार के लिए चवन्नी, 50 हजार के लिए अठन्नी… आदि-आदि।

एडवांस जमा होता है पैसा

सट्टेबाजी का ये अवैध धंधा कोई नया नहीं है। मंझे हुए खिलाड़ी एडवांस पैसा जमा करते है ताकि ऐन समय पर पैसे की दिक्कत की वजह से बुकी खेलने से मना न कर दें।

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