10 हजार करोड़ रुपए के बिजली बिल बकाए को लेकर उठाया कदम
मंत्री का आदेश, पहले बिल दो फिर मिलेगी बिजली
लखनऊ। सूबे के सरकारी कार्यालयों में अब बिजली प्रीपेड मीटर से मिलेगी। सरकारी दफ्तरों में प्रीपेड मीटर लगाने का यह कदम करोड़ों रुपए के बिजली बिल के बकाए को लेकर उठाया गया है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सभी सरकारी विभागों और भवनों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का निर्देश दिया है। इसके तहत सरकारी विभाग पहले बिल देंगे उसके बाद ही बिजली का उपयोग कर सकेंगे। इस व्यवस्था से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन का सरकारी विभागों पर बकाया बिल कम होगा। बताते चलें कि पिछली सपा सरकार में भी यह व्यवस्था लागू करने की कवायद शुरु हुई थी। लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पायी। वहीं अपार्टमेंटों में प्रीपेड मीटर लगाकर बिजली दिए जाने की व्यवस्था कुछ दिन पहले से ही शुरु की जा चुकी है। इसके अलावा राजस्व में वृद्घि को लेकर उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कर्मियों के यहां भी मीटर लगाए जाने का आदेश दिया था। हालांकि विभागीय स्तर पर कर्मचारी संगठनों की ओर से इसका विरोध किए जाने के बाद फिलहाल यह मामला ठंडे बस्ते में है। अब प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद पावर फार आल योजना के तहत नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसके तहत कम लाइन लास पर सबसे अधिक बिजली दिए जाने की भी व्यवस्था बनायी गयी है। वहीं सरकारी विभागों पर बढ़ते बकाए को लेकर कॉरपोरेशन की राजस्व वसूली की स्थिति डावाडोल रहती है। जिसको देखते हुए ही सरकारी दफ्तरों व भवनों में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनायी गयी है।
विभागों को भेजे जा रहे नोटिस
पावर फॉर ऑल योजना के तहत सबको बिजली देने का वादा पूरा करने में प्रदेश सरकार जुटी है। इस क्रम में बिजली के सबसे बड़े बकायेदार सरकारी विभागों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि सरकारी विभागों पर ही बिजली विभाग का 10 हजार करोड़ का बिजली बिल बकाया है। जबकि पावर कॉरपोरेशन का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए पहले भुगतान और फिर बिजली की व्यवस्था बनायी जा रही है। इसके अलावा सरकारी विभागों से बकाया वसूली भी की जाएगी। इसके लिए सभी सरकारी विभागों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन इलाकों में लाइन लॉस कम होगा वहां पर 24 घंटे बिजली दी जाए।
बिजली बचाने की अपील
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि जिस कमरे में न हों वहां टीवी, पंखा, एसी लाइट चलता न छोड़ें। आपके बिजली बचाने से कई और घर रोशन होंगे। इसके अलावा कार्यालयों को भी निर्देश दिए गए हैं कि माननीयों और अधिकारियों के न होने पर एसी, पंखे व अन्य उपकरण चलता छोड़ बिजली की बर्बादी न करें।
नहीं मिल रही 1.25 प्रतिशत छूट
2014 में शुरु हुई प्रीपेड मीटर योजना फिलहाल उपभोक्ताओं को रास नहीं आ रही है। योजना शुरु होने के दौरान उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को बिजली की दर में 1.25 प्रतिशत की छूट देने का आदेश दिया था। लेकिन आज विभाग की ओर से यह सिस्टम में इसका प्रावधान नहीं किया जा सका। एचसीएल के सर्वर में बिल में छूट देने की व्यवस्था ही नहीं बन पायी। जिसके चलते उपभोक्ता आज भी परेशान हैं।