जनपद कार्यालयों का दौरा करने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों पर कसा शिकंजा
मुख्यालय को देना होगा संबंधित कार्यालय की प्रगति का पूरा ब्यौरा
फर्जी टीए-डीए के मामलों के संज्ञान में आने के बाद परिवहन आयुक्त ने जारी किया आदेश
लखनऊ। सरकारी दौरे के नाम पर फर्जी टीए-डीए लेने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों की अब खैर नहीं। ऐसे अधिकारी जो सरकारी खर्चे पर जनपदीय कार्यालयों का दौरा करने जाएंगे उन्हें अब वापस आने पर संबंधित कार्यालय की प्रगति का पूरा ब्यौरा मुख्यालय को देना होगा। कार्यालय से जुड़ी समस्याओं का विभागीय मुखिया निराकरण करेंगे। क्षेत्रीय कार्यालयों में जनता को हो रही समस्याओं का निराकरण अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी। परिवहन आयुक्त पी गुरु प्रसाद ने अधिकारियों के सरकारी दौरों से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किये हैं। अधिकारियों को हरहाल में इनका पालन करना होगा। हर दौरे पर परिवहन आयुक्त खुद नजर रखेंगे। इसका सीधा असर यह होगा कि अधिकारी सरकारी खर्चे का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे। केवल कागजों पर ही दौरे का हिसाब किताब दर्ज नहीं होगा बल्कि हकीकत में अधिकारियों को काम करना ही होगा।। परिवहन विभाग मुख्यालय पर तैनात अधिकारियों को अब दफ्तरों से बाहर निकल प्रदेश के विभिन्न जनपदों के आरटीओ कार्यालयों का दौरा करना होगा। सरकारी खर्चे पर अधिकारी परिवहन विभाग के कार्यालयों में जाएंगे। कार्यालय में पूरा दिन बिताएंगे। जनता की शिकायतों को ध्यान से सुनेंगे और उनका समाधान भी करेंगे। यही नहीं कार्यालय में कार्य करने वाले कर्मचारियों की समस्याओं को भी जानेंगे और इसकी रिपोर्ट तैयार करेंगे। दौरा खत्म होने के बाद जब अधिकारी मुख्यालय पहुंचेंगे तो उन्हें अपना रिपोर्ट कार्ड परिवहन आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। परिवहन आयुक्त पी गुरु प्रसाद ने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि अब तक अधिकारी प्रदेश के विभिन्न आरटीओ कार्यालयों का दौरा करने में महज खानापूरी करते थे। घूम-टहलकर ऐसे ही लौट आते थे। न जनता की समस्याओं को सुनते थे, न कर्मचारियों की। ऐसे में समस्याओं के निराकरण का तो सवाल ही नहीं उठता। अब अधिकारी सरकारी खर्चे पर कार्यालयों का दौरा तो करेंगे, लेकिन उन्हें इसका रिपोर्ट कार्ड सौंपना होगा। किसी एक जनपद में जाने पर अधिकारी को कम से कम एक दिन एक कार्यालय को हरहाल में देना होगा। सुबह से शाम तक जनता की समस्याओं को सुनेंगे और उनका समाधान भी करेंगे। किसी तरह की तकनीकी समस्या आने पर उसे अपने पास नोट करेंगे और वापस आने पर अवगत कराएंगे। जिसके बाद मुख्यालय से समस्या का समाधान निकाला जाएगा। परिवहन आयुक्त ने संभावना जताई कि अधिकारियों के दौरे से फायदा यह होगा कि जनता की समस्याओं का मौके पर ही समाधान हो सकेगा। साथ ही अब तक जो समस्याएं सामने नहीं आ पाई हैं, वह भी चिन्हित हो जाएंगी।