लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी, डायरेक्टर की अगुवाई में शहर पहुंची टीम ने लगाई मोहर
प्रॉयोरिटी सेक्शन में यूटिलिटी सर्विसेज हटाने के लिए केडीए में हुई बैठक
इस महीने टेंडर होने की उम्मीद, टीम ने प्रॉयोरिटी सेक्शन का किया निरीक्षण
लखनऊ। लंबे इंतजार के बाद कानपुर मेट्रो का सपना आखिरकार धरातल पर उतरने को तैयार है। सब कुछ ठीक रहा तो सितंबर से मेट्रो के प्रायोरिटी सेक्शन पर काम शुरू कर दिया जाएगा। इस कड़ी में बीते गुरुवार को कानपुर में मेट्रो दौड़ाने की जिम्मेदारी संभाल रही एलएमआरसी की टीम कानपुर शहर पहुंची। एमडी व डायरेक्टर की अगुवाई में आई टीम ने आईआईटी से मोतीझील के बीच काम शुरू करने के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच से एनओसी और विभिन्न विभागों से यूटिलिटी सर्विस शिफ्ट कराने को लेकर केडीए में बैठक की।
सबसे पहले आईआईटी से मोतीझील के बीच जीटी रोड पर एलीवेटेड मेट्रो दौड़ाई जानी है। इसी वजह से जीटी रोड पर काम शुरू करने के लिए पीडब्ल्यूडी एनएच से एलएमआरसी को एनओसी लेनी है। इसके लिए वह अप्लाई कर चुके हैं, लेकिन एनओसी नहीं मिली है। इस तरह प्रॉयोरिटी सेक्शन में इलेक्ट्रिसिटी लाइन ट्रांसमिशन लाइन, पाइप लाइन टेलीकॉम लाइन आदि यूटिलिटी सर्विसेज भी आ रही हैं। इन्हें शिफ्ट किया जाना है।
इन प्रॉब्लम्स को लेकर एलएमआरसी के एमडी कुमार केशव व डायरेक्टर संजय मिश्रा की अगुवाई में आई टीम ने वीसी किंजल सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की और समस्याओं को हल कराने में मदद मांगी। बाद में लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन की टीम ने मोतीझील से आईआईटी तक रूट का निरीक्षण किया। प्रपोज्ड मेट्रो स्टेशंस की साइट देखी। कॉसिं्टग यार्ड के लिए प्रपोज्ड जमीनें भी देखीं।
टेंडर निकालने की तैयारी
कानपुर में आईआईटी से फूलबाग, घंटाघर होते हुए नौबस्ता और सीएसए से बर्रा-8 तक मेट्रो दौडऩी है। लगभग 11 हजार करोड़ का यह प्रोजेक्ट केंद्र सरकार से पास हो चुका है। लेकिन इसके कुछ दिनों बाद ही लोकसथा चुनाव होने से प्रोजेक्ट लटक गया था। इन सब मुसीबतों के बाद आखिरकार दोबारा टेंडर कॉल करने की तैयारी शुरू हो गई है।
एलएमआरसी अधिकारियों के मुताबिक टेंडर ड्राफ्ट तैयार हो गया है। अगले 15 दिनों में टेंडर कॉल किए जाएंगे। सितंबर से आईआईटी से मोतीझील के बीच काम शुरू कर दिया जाएगा।