प्रदेश के आरटीओ, एआरटीओ के 150 से अधिक सीयूजी नंबर हुए बंद
बंद नंबरों की जांच के लिए बीएसएनएल को लिखा पत्र
लखनऊ। परिवहन विभाग मुख्यालय के अधिकारी चाहकर भी प्रदेश भर में तैनात आरटीओ और एआरटीओ से संपर्क स्थापित कर पाने में असमर्थ हैं। राज्य के विभिन्न जनपदों में तैनात संभागीय परिवहन अधिकारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी के १५० से अधिक सीयूजी नंबर बंद हैं या फिर जानबूझकर बंद कर लिए गए हैं। इन अधिकारियों के सीयूजी नंबर बंद होने से प्रवर्तन से लेकर आम जनता के कामों में अड़ंगा लग गया है। हालांकि परिवहन विभाग जल्द ही इसकी पड़ताल भारत संचार निगम लिमिटेड से करवाएगा कि आखिर नंबर किसलिए बंद हैं। क्या नंबर अधिकारियों ने जबरन बंद कर रखे हैं या फिर इन न बरों में कोई दिक्कत हो गई है। सूबे के आरटीओ, एआरटीओ के एक साथ इतनी बड़ी संख्या में सीयूजी नंबर एक साथ बंद हो जाने से हड़कंप मचा है। १६६ सीयूजी नंबर इस समय बंद चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो या फिर गाजियाबाद, सोनभद्र या फिर बहराइच, इन सभी जनपदों के अधिकारियों के सीयूजी नंबर बंद पड़े हैं। ऐसे में शासकीय और जनहित के कार्यों में बाधा उत्पन्न हो गई है। मुख्यालय पर तैनात अपर परिवहन आयुक्त ने इन सभी नंबरों की जांच के लिए पत्र लिखा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि शासन और सरकार से मिलने वाले दिशा-निर्देशों को लेकर प्रदेशभर के आरटीओ और एआरटीओ तंग आ चुके हैं। कभी किसी को मुख्यालय बुलाया जाता तो कभी दूसरे क्षेत्र की जांच के काम पर लगा दिया जाता है। जिसके चलते अधिकांश लोगों ने अपने सीयूजी नंबरों को बंद कर उसके खराब हो जाने की जानकारी विभाग को दे दी। उनका कहना है कि यह नंबर ऑन ही नहीं हो रहे हैं। मुख्यालय पर तैनात विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अब तक आधा से एक दर्जन सिम कार्ड ही मुख्यालय पहुंचे हैं। यहां पर इन्हें अन्य मोबाइल में लगाकर देखा गया तो वह ठीक काम कर रहे थे। मुख्यालय पर तैनात अधिकारियों ने इसे क्षेत्रीय अधिकारियों की कामचोरी मानते हुए बीएसएनएल से इन नंबरों की जांच कराने की तैयारी की है।
ई-चालान का काम भी बाधित
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कई अधिकारियों ने सीयूजी नंबरों को उन टैबलेट में लगा दिया था जिनसे ई-चालान होने थे। ऐसे में सिम न होने की दशा में ई-चालान का काम भी बाधित हो गया है। ऐसे में अब जब तक सिम नहीं शुरू होगा, उन क्षेत्रों में इस तरह की दिक्कत बरकरार रहेगी।
सीयूजी नंबर न बंद करने का है आदेश
प्रदेश के मुख्य सचिव ने हाल ही में एक आदेश जारी किया था कि किसी भी अधिकारी का सरकारी नंबर किसी कीमत पर बंद नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा पाया जाता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। मुख्य सचिव का आदेश चाहे जो भी हो, लेकिन परिवहन विभाग के १६६ अधिकारियों के सरकारी नंबर खामोश पड़े हुए हैं। हालांकि अभी इसकी वजह नहीं पता चली है कि अफसरों ने ये नंबर खुद बंद कर रखे हैं या फिर वास्तव में नंबर खराब हो गए हैं। अब बीएसएनएल से रिपोर्ट मिलने के बाद ही इसकी वजह साफ हो पाएगी।
-मेरे पास कुछ सिम बंद हुए हैं इसकी तो जानकारी है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर सीयूजी नंबर बंद होंगे इसका अंदाजा नहीं था। भारत संचार निगम लिमिटेड के अधिकारियों को जांच के लिए पत्र लिखा गया है।
गंगाफल, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा
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