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सूबे में ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधार में आई तेजी

  • मुख्य सचिव ने सभी विभागों को उद्यम व व्यापार से संबंधित सुधारों को सितम्बर के अन्त तक लागू करने के दिये निर्देश
  • सभी विभाग उद्योग व व्यापार से संबंधित सेवाओं को जनहित गारंटी में करेंगे शामिल
  • उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लागू करेगा ऑनलाइन स्वीकृति प्रबंधन एवं अनुश्रवण प्रणाली

Rajeev kumarबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 घोषित करने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार व्यापार करने में सहजता के लिये ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। सूबे के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इसमें रचनात्मक सुधारों पर विशेष बल देते हुए इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। बीते सप्ताह मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संपन्न हुई 20 विभागों की बैठक में यह निर्देश दिये गये हैं।

भारत सरकार के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग द्वारा विश्व बैंक की सहभागिता में इसी वर्ष अप्रैल में बिजनेस रिफॉर्म ऐक्शन प्लान-2017 जारी किया था, जिसको सभी राज्यों द्वारा लागू किया जाना है। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों तथा विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि बिजनेस रिफॉर्म ऐक्शन प्लान-2017 के तहत 12 सुधार क्षेत्रों की नियामक प्रक्रियाओं, नीतियों, प्रणालियों आदि से संबंधित सभी संस्तुतियों को इस माह के अन्त तक लागू कर दिया जाये।

उन्होंने कहा कि आॢथक व सामाजिक विकास के लिये निवेश व औद्योगिक विकास अनिवार्य है इसलिये व्यापार करने में सहजता ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाने के लिए समयबद्ध व त्वरित कार्यवाही की आवश्यकता है, जिससे राज्य में निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे अपने विभाग के अन्तर्गत उद्योग व व्यापार से संबंधित सेवाओं को निर्धारित समय-सीमा के साथ उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम में सम्मिलित कराना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों द्वारा निवेशकों को सुगमता व पारदर्शिाता से जानकारी उपलब्ध कराने के लिये वेबसाइट को अपडेट करना होगा। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ. अनूप चन्द्र पाण्डे ने बताया कि राज्य सरकार व्यापार करने में सहजता ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में गुणात्मक सुधार लाने के लिए कटिबद्ध है। श्रम विभाग से संबंधित एक महत्वपूर्ण कदम के तहत सभी श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत संयुक्त निरीक्षण का प्राविधान किया गया है।

साथ ही स्व-प्रमाणन तथा तृतीय पक्ष द्वारा सत्यापन का प्राविधान भी किया गया है। अब उद्योगों द्वारा केवल एक एकीकृत एनुअल रिटर्न फाइल करना होगा। बैठक में बताया गया कि सिंगल विण्डो के सिद्धांत को लागू करने की दिशा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ऑनलाइन स्वीकृति प्रबन्धन एवं अनुश्रवण प्रणाली लागू करेगा, जिसको उद्योग विभाग द्वारा तैयार कराये जा रहे नवीन सिंगल विण्डो सिस्टम से जोड़ दिया जाएगा।

ये होंगे सुधार
बिजनेस रिफॉर्म ऐक्शन प्लान-2017 के अन्तर्गत श्रम नियमन, संविदा, सम्पत्ति का रजिस्ट्रेशन, निरीक्षण प्रक्रिया में सुधार, सिंगल विण्डो सिस्टम, भूमि उपलब्धता एवं आवंटन, निर्माण स्वीकृति, पर्यावरण, कर, जानकारी की पारदॢशता उपलब्धता तथा क्षेत्र-विशेष के उद्यमों से संबंधित सुधारों को सम्मिलित किया गया है।

ये अधिकारी रहे मौजूद
प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा, सचिव औद्योगिक विकास अलकनंदा दयाल तथा वाणिज्य कर, ऊर्जा, श्रम, वन, आवास, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, शहरी विकास, विद्युत सुरक्षा, अग्निशमन सेवा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, राजस्व, खाद्य सुरक्षा एवं औषधीय प्रशासन, स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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