सरकार की ओर से ऊर्जा विभाग के प्रस्ताव को मिली मंजूरी
लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नोएडा में चार-चार थाने खुलेंगे
लखनऊ। सूबे में बिजली थाने खुलने का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश में 88 बिजली थाने खुलने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गयी है। बिजली थाने खोलने के ऊर्जा विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव को सरकार की ओर से मंजूरी मिल गयी है। जानकारी के मुताबिक लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और नोएडा में चार-चार बिजली थाने खोले जाएंगे। राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के साथ बिजली चोरी रोकने के उपायों को लेकर गहन मंथन किया था। जिसके बाद तय किया गया था कि गुजरात मॉडल पर विशेष पुलिस बल की स्थापना की जाए। इसके आधार पर ऊर्जा विभाग ने 88 बिजली थानों के गठन का प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा था। इनमें लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा में चार-चार थाने और बाकी 70 जिलों में एक-एक थाना स्थापित करने की योजना तैयार की गई थी। इस प्रस्ताव को सरकार के वित्त, विधायी और गृह विभाग ने सैद्घांतिक सहमति प्रदान कर दी है।
जेई होंगे प्रभारी
बिजली थाने का प्रभारी ऊर्जा विभाग के अवर अभियंता यानि जेई को बनाया जाएगा। थाने में एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर, चार सिपाही, दो लाइन मैन और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात किया जाएगा।
बिजली चोरी रोकना उद्देश्य
थाने का प्रमुख कार्य बिजली चोरी रोकना और दोषी लोगों पर कार्रवाई करना होगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि थानों के गठन की अधिसूचना होने के बाद यहां तैनात होने वालों के दायित्वों की नियमावली को अंतिम रूप दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाके तक बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की जाती है। बिजली चोरी कराने में विभागीय कर्मी भी शामिल हैं। इलाकों में जो लाइन लास दिखाया जाता है उसमें बड़े पैमाने पर बिजली चोरी भी शामिल रहती है। यह कहना गलत न होगा कि लाइन लास की आड़ में बिजली चोरी करवाई जाती है। इसमें सबसे अधिक शहर के आउटर इलाकों में बसी कालोनियों, उद्योग, कोल्डस्टोरेज, मॉल, कारखाने, सरकारी कार्यालय, अपार्टमेंट, घने बसे इलाकों में बेतहाशा बिजली चोरी की जाती है।