बिल्डर की बनायी जा रही सोसाइटी को मजरा बता रहे अभियंता
तैयार करा दी गयी थी तीन पोल की एलटी लाइन, बिजली कनेक्शन देने की भी थी योजना
लखनऊ। ट्रांसगोमती इलाके में अभियंता भ्रष्टïाचार का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अभियंता ग्रामीण इलाकों को मिलने वाली सुविधाओं को शहरी क्षेत्र में बांटकर भ्रष्टïाचार को अंजाम दे रहे हैं। लंबी दूरी पर कनेक्शन, कामर्शियल की जगह पर घरेलू कनेक्शन और मीटर बैक करने जैसे मामले अभियंताओं और उनके मातहतों के लिए तो आम बात है ही, अब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सौभाग्य में भी अभियंताओं ने सेंधमारी कर दी। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युतीकरण की सौभाग्य योजना के ट्रांसफार्मर को शहरी क्षेत्र में लगा दिया गया। यह कारनामा लेसा ट्रांसगोमती के चिनहट इलाके अभियंताओं ने अंजाम दिया। सूत्रों का कहना है कि सोसाइटी में मोटी रकम लेकर सौभाग्य के ट्रांसफार्मर को लगा दिया गया। लेसा उच्च प्रबंधन मीटर रीडिंग बैक मामले की तह तक भी नहीं पहुंच पाया था कि भ्रष्टïाचार के एक और गंभीर मामले ने प्रबंधन के होश फाख्ता कर दिए हैं। अभियंताओं ने जिस सोसाइटी पर यह ट्रांसफार्मर लगाया है वह एक बिल्डर द्वारा तैयार करायी जा रही है। इसके लिए बिल्डर ने चारों तरफ से बाउंड्रीवाल भी बनवाया है। लेकिन भ्रष्टïाचार में आकंठ डूबे अधिकारी अपने बचाव के लिए सोसाइटी को मजरा बता रहे हैं। जबकि प्राइवेट बिल्डर द्वारा यह सोसाइटी बनायी जा रही है। इस जमीन को भी बिल्डर ने बहुत समय पहले खरीदा था। इस प्रकरण की सही तरीके से जांच हो तो अभियंता पूरी तरीके से फंस जाएंगे। कारण, सौभाग्य का ट्रांसफार्मर ग्रामीण क्षेत्रों में ही लगाया जाना था। वहीं जब यह मामला उजागर हुआ तो अभियंताओं में हड़कंप मच गया। अभियंताओं ने डेवलप हो रही सोसाइटी को मजरा बताते हुए अधीक्षण अभियंता को भी झूठी रिपोर्ट भेज दी। यही नहीं अवर अभियंता आलोक रंजन ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए ट्रांसफार्मर को बजाज कंपनी द्वारा लगाया बताया जा रहा है।
कनेक्शन देने की थी योजना
सूत्रों का कहना है कि जूनियर इंजीनियर आलोक रंजन ने बजाज कंपनी व अधिकारियों से साठ-गांठ कर मोटी रकम लेकर शालीमार बाउंड्री से सटी हुई सोसाइटी में 25 केवीए का ट्रांसफार्मर डबल पोल पर लगवा दिया। यही नहीं विभाग को भी चूना लगाते हुए तीन पोल की एलटी लाइन भी तैयार करा दी। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि इसी लाइन से सोसाइटी को बिजली कनेक्शन भी देने की योजना थी।
मामला संज्ञान में आया है, जांच कराई जाएगी। यदि विभागीय कर्मियों ने गलत किया है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजय गोयल, प्रबंध निदेशक, मध्यांचल डिस्कॉम