शहर के 200 बस स्टापेज का होगा कायाकल्प
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे बस स्टापेज
लखनऊ। महानगरीय बसों का इंतजार अब यात्रियों को सड़क पर खड़े होकर नहीं करना पड़ेगा। सिटी बस का इंतजार करने वाले यात्रियों को धूप और बारिश से भी परेशान नहीं होना पड़ेगा। स्मार्ट सिटी योजना में सिटी बस के यात्रियों को आधुनिक स्मार्ट बस शेल्टर की सुविधा मिलेगी। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत 200 सिटी बस स्टापेज पर स्मार्ट बस शेल्टर्स बनेंगे। सिटी बसों के लिए शहर में बनने वाले स्मार्ट बस शेल्टरों का निर्माण प्री-कास्ट तकनीक से किया जाएगा। इससे बस शेल्टर का निर्माण निर्धारित छह माह की अवधि से पहले हो सकेगा। 200 बस शेल्टर बनाने पर लगभग 30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। बस शेल्टर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस होंगे। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत यहां लोगों को डिजिटल डिसप्ले बोर्ड के जरिए बसों की समय सारणी और अन्य जानकारी उपलब्ध होगी। इसके साथ ही सिटी लेवल कंट्रोल सेंटर बनाने, सिटी बस में कैमरा लगाने का प्राविधान किया गया है। लखनऊ सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ए. रहमान के मुताबिक कॉमन मोबिलिटी कार्ड का भी प्राविधान किया गया है। बस शेल्टर बनने के बाद उसके रख रखाव व संचालन के लिए निजी कंपनी से अनुबंध किया जाएगा। बस शेल्टर का निर्माण तीन माह में शुरू कर, छह माह में पूरा करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। 12 बस शेल्टर के लिए तैयार हो रहे प्री कास्टग्रीन लखनऊ के आधार पर पहले चरण में मुख्य मार्ग पर स्थित 12 बस स्टॉपेज का आधुनिकीकरण किया जाएगा। यहां बस शेल्टर, ई- टायलेट व कियोस्क संकुल की सुविधा मिलेगी। ग्रीन बस शेल्टर बनाने के लिए नगरीय परिवहन निदेशालय से नगर निगम को दस करोड़ रुपए पहले ही मिल चुके हैं। गुडगांव की मेसर्स मैजिक जीनी सर्विसेज लिमिटेड गुडग़ांव से शेल्टर को प्री कास्ट करके यहां असेम्बिल करेगी।
हाइटेक होगा टायलेट
पूरी तरह से हाइटेक टायलेट का दरवाजा कार्ड रीडर से खुलेगा। टायलेट के कार्य, बिजली व सफाई को लेकर किसी प्रकार की समस्या होने पर इसमें एलार्म सिस्टम भी रहेगा। यह मुख्य सर्वर से जुड़ा रहेगा। एक बस शेल्टर बस स्टॉप पर दो ई- टायलेट सीट, बस शेल्टर व कियोस्क स्थापित करने के लिए 28.55 लाख, इस पर वार्षिक अनुरक्षण व संचालन पर 8.40 लाख व उपकरणों के वार्षिक रख रखाव पर 2.89 लाख सहित कुल 39.84 लाख का खर्च प्रस्तावित किया गया है।
24 घंटे होगा पावर बैक अप
स्मार्ट बस शेल्टर बनने के बाद मौजूदा बस शेल्टरों को भी इसी तरह से अत्याधुनिक करने का प्रस्ताव है। सभी बस शेल्टर पर 24 घंटे पावर बैक अप होगा। बिजली कटने पर भी बस शेल्टर का डिजिटल डिसप्ले बोर्ड समेत पूरा सिस्टम काम करेगा। बस शेल्टर के लिए पांच किलोवाट बिजली लोड की जरूरत होगी। इसमें टायलेट के लिए दो किलोवाट, एक किलोवाट बस शेल्टर और दो किलोवाट कियोस्क के लिए बिजली कनेक्शन की जरूरत होगी।
शौचालय की भी होगी व्यवस्था
स्मार्ट बस शेल्टर पर लोगों के बैठने के साथ ही शौचालय की भी व्यवस्था होगी। हालांकि यह सुविधा सभी बस शेल्टर्स पर नहीं मिलेगी। चुनिंदा मार्गों पर इसके लिए बड़े शेल्टर बनाए जाएंगे। इन बस शेल्टरों पर यूरिनल का निर्माण होगा। इसके अलावा जिन बस शेल्टर के पास सीवर लाइन मौजूद हैं, वहां अत्याधुनिक शौचालय बनेंगे। यात्रियों के उपयोग के लिए यह बस स्टॉप 12 प्रमुख स्थानों पर बनाए जाएंगे। एक बस स्टॉप पर दो ई- टायलेट सीट, बस शेल्टर व कियोस्क स्थापित किया जाएगा। ग्रीन टायलेट की यह खासियत रहेगी कि इसे सीवर लाइन से जोडऩे की जरूरत नहीं होगी। इको टेक स्मार्ट ग्रीन टायलेट में पानी की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आधुनिक तरीके से बनाए जाने वाले इस टायलेट में अपना पानी खुद जेनरेट होगा। वहीं सॉलिड वेस्ट का उपयोग फर्टिलाइजर के रूप में हो सकेगा। यह टायलेट साफ सुथरे रहेंगे जिससे पर्यावरण के लिए किसी प्रकार से यह हानिकारक भी नहीं होंगे।