केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि देश में करीब 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं. गडकरी ने नागपुर में स्मार्ट इंडिया हेकाथन-2017 को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं.
अब से देश में ई-गवर्नेंस के तहत ड्राइविंग लाइसेंसों का इलेक्टि्रॉनिक पंजीकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों ‘आरटीओ’ के लिए भी तीन दिन के अंदर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना अनिवार्य बनाया जाएगा. ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गडकरी ने कहा, ड्राइविंग लाइसेंसधारक की जानकारी देशभर में उपलब्ध होगी और वो कहीं और फर्जी लाइसेंस बनवाने में सक्षम नहीं होंगे अब कोई भी व्यक्ति बड़ा हो या छोटा बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा पाएगा.
उन्होंने कहा कि देशभर में 28 ड्राइविंग परीक्षण केंद्र खोल दिए गए हैं. जल्द ही 2,000 केंद्र और खोले जाएंगे. इसके साथ ही ट्रैफिक सिग्नलों पर कैमरा भी लगाया जाएगा जो ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की निगरानी का काम करेगा. उनका कहना है कि देश में 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के लिए सड़क इंजीनियर जिम्मेदार होता हैं. इंजीनियरों द्वारा सड़क का गलत डिजाइन वास्तव में एक चिंता का विषय है. उल्लेखनीय है कि कल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2016 में कई और संशोधनों को मंजूरी दे दी है.