प्रदेश सरकार के 100 दिन पूरे होने पर यात्रियों को मिलेगी सौगात
बस स्टेशन पर मुफ्त वाई-फाई के बाद बस में भी मिलेगी यह सुविधा
लखनऊ। अब परिवहन निगम के बस अड्डों पर यात्रियों को बोरियत महसूस नहीं होगी। बस के इंतजार में अगर बस स्टेशन पर उन्हें समय बिताना भी पड़ता है फिर भी वे इसकी शिकायत अधिकारियों से नहीं करेंगे। वजह है कि प्रदेश सरकार सूबे के ७४ बस अड्डों को वाई-फाई से लैस करने जा रही है। यात्री बस स्टेशन पर अनलिमिटेड वाई-फाई का आनंद उठा सकेंगे। प्रदेश सरकार के कार्यकाल के १०० दिन पूरे होने पर परिवहन निगम अपने यात्रियों को बस स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई की सौगात देने को तैयार है। २६ जून से प्रदेश के ७४ बस स्टॉपेज पर यात्रियों के लिए मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होगी। अभी तक परिवहन निगम ने ६३ बस स्टेशनों को वाई-फाई से लैस कर दिया है। २७ जून को प्रदेश सरकार के कार्यकाल के १०० दिन पूरे हो जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद अपने मंत्रियों को विभागों का दायित्व सौंपते समय संकल्प पत्र भी सौंपा था, जिसमें मंत्रियों को १०० दिन के अंदर संकल्प पत्र के मुताबिक विभागों में काम शुरू कराने थे। परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंंत्र देव सिंह ने परिवहन मंत्री बनने के बाद अब अपने १०० दिन के कामकाज का लेखा-जोखा तैयार कर लिया है। इसमें यात्रियों को रोडवेज बस में सफर करने के साथ ही बस अड्डों पर मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराना शामिल है। परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक प्रदेश के जनपद मुख्यालय के ७४ बस स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई का ट्रायल करा लिया गया है। २६ जून से इन सभी बस स्टेशनों पर यात्री अनलिमिटेड वाई-फाई का लुत्फ उठा सकेंगे। हालांकि परिवहन अधिकारियों की मानें तो कम्पनी के साथ जो करार हुआ है उसके मुताबिक स्टेशन पर पहले आधे घंटे के लिए और बस में सफर करते समय एक घंटे मुफ्त वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। इसके बाद अगर यात्री इंटरनेट का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उन्हें भुगतान करना होगा।
सभी २०६ बस स्टेशन होंगे वाई-फाई
सरकार के १०० दिन पूरे होने के बाद पहले चरण में परिवहन निगम ७४ बस स्टेशनों को वाई-फाई से लैस कर रहा है। परिहवन निगम के प्रबंध निदेशक के. रविंद्र नायक ने बताया कि निगम का लक्ष्य प्रदेश के सभी २०६ बस स्टेशनों को वाई-फाई से लैस करना है। अगले एक साल के अंदर सभी बस अड्डों पर यात्रियों को मुफ्त इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराना लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि मुफ्त वाई-फाई से जहां बस स्टेशन पर यात्रियों को समय काटने में समस्या नहीं होगी, वहीं मुफ्त इंटरनेट की सुविधा मिलने से वे अपने कई जरूरी काम भी निपटा सकेंगे। यात्रियों का इससे परिवहन निगम की बसों में सफर करने के प्रति रुझान बढ़ेगा।
चारबाग व कैसरबाग बस स्टेशन भी शामिल
प्रदेश के पहले मॉडल बस अड्डे कैसरबाग बस स्टेशन के साथ ही चारबाग बस स्टेशन भी पहले चरण में वाई-फाई से लैस हो रहे हैं। २६ जून से यात्री इन बस स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई का लुत्फ उठा सकेंगे। इसके अलावा जब आलमबाग बस स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा तो वहां भी यात्रियों को मुफ्त वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
जल्द बसों में भी यात्री प्रयोग करेंगे नि:शुल्क इंटरनेट
परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि बस स्टेशनों को वाई-फाई से लैस करने के बाद सभी बसों में वाई-फाई की सुविधा यात्रियों को मुहैया कराई जाएगी। इसकी प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। वातानुकूलित बसों के साथ ही साधारण बसों के यात्रियों को भी मुफ्त इंटरनेट की सुविधा मिले इसे भी ध्यान में रखा जाएगा।
हर महीने १०५ रुपये प्रति बस भुगतान करेगा निगम
बसों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा यात्रियों को जरूर मिलेगी लेकिन इसके लिए परिवहन निगम वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराने वाली कम्पनी को हर महीने प्रति बस १०५ रुपये का भुगतान करेगा। निगम को यात्रियों को मुफ्त इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने में करोड़ों रुपये खर्च होंगे। मुंबई की टीम आउटडोर कम्पनी के साथ परिवहन निगम का पांच साल के लिए करार हुआ है।
बसें खटारा पर सुविधा वाई-फाई की
एसी बसों को अगर छोड़ दिया जाए तो परिवहन निगम की ज्यादातर साधारण बसें खटारा हैं। अब सवाल यह उठता है कि परिहवन निगम में खटारा बसों की संख्या अच्छी खासी है। बसों में सीटें फटी हैं, शीशे टूटे हैं, जिस कारण पूरा किराया देने के बाद भी यात्री को बसों में सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। साथ ही बस स्टेशनों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिसमें मुख्य रूप से पेयजल, शौचालय और बैठने की भी उचित सुविधा ही नहीं है। यदि सबसे पहले यह धनराशि बसों और बस स्टेशनों को दुरुस्त करने में लगाई जाए तो शायद यात्री सुविधापूर्ण यात्रा कर सकेंगे।
कितना करना होगा भुगतान
परिवहन निगम की बसें प्रति माह प्रति बस भुगातन कुल खर्च प्रति माह
११,५०० १०५ रुपये १२ लाख ५० हजार