अस्पतालों में इलाज हो सकता है महंगा
जीएसटी लागू होने के बाद प्राइवेट अस्पतालों में ट्रीटमेंट महंगा हो सकता है जबकि रेल से माल ढुलाई का किराया भी बढ़ने की संभावना है. सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सरकार सरकार जीएसटी के सफलतापूर्वक लागू होने के बाद 50 से ज़्यादा नई सेवाओं को टैक्स दायरे में ला सकती है. सूत्रों के मुताबिक ऐसी 55 सेवाओं की पहचान की गई है, जिन पर टैक्स की गुंजाइश है. सूत्रों बता रहे हैं कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में ट्रीटमेंट कराना महंगा हो सकता है और सरकार इसकी सेवाओं को भी जीएसटी के दायरे में लाने की तैयारी में है. हालांकि सरकारी अस्पताल जीएसटी के दायरे से बाहर रहेंगे.
इसमें ये जांचें महंगी हो सकती हैं
डॉक्टर की फीस और लैब में जांच कराना
फिजियोथिरेपिस्ट, पैरामेडिकल स्टाफ की सेवाएं महंगी
एंबुलेंस सेवा हो सकती है महंगी
कुछ और सेवाएं जो हो सकती है महंगी
हॉस्पिटल्स सेवाओं के अलावा इन सेवाओं को भी जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है, जिसके बाद ये सेवाएं महंगी हो सकती हैं.
सेबी और आईआरडीए की सेवाएं
रेल के जरिए माल ढुलाई
फलों, सब्जियों की पैकेजिंग महंगी
भारत से बाहर टूर ऑपरेटर की सेवाएं
कचरा प्रबंधन, शिक्षा से जुड़ी सेवाएं
स्कूल में मिड-डे मील और डांस, संगीत जैसी ट्रेनिंग सेवाएं
त्वरित लागू नहीं होगा जीएसटी
सूत्रों के मुताबिक 1 जुलाई यानी जीएसटी लागू होने के तुरंत बाद इस पर अमल नहीं होगा. फ़िलहाल शुरू में सरकार कोई नए आइटम पर टैक्स नहीं लगाना चाहती है और ना ही टैक्स बढ़ाना चाहती है.सूत्र बताते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद इस प्रपोजल पर विचार किया जाएगा. प्रस्ताव पर अंतिम फ़ैसला जीएसटी काउन्सिल लेगी. इन नई सेवाओं पर सबसे कम दर पर जीएसटी लगाने पर विचार किया जा सकता है. जीएसटी का मूल मक़सद धीरे-धीरे टैक्स छूट ख़त्म करना है.