ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने नई सुविधा की शुरुआत की है। एक अप्रैल से यात्री ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर विकल्प योजना का लाभ ले सकेंगे। टिकट न कन्फर्म होने की दशा में शताब्दी व राजधानी में यात्रा की सुविधा मिलेगी। दरअसल पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपग्रेडशन योजना शुरू की थी। इसके तहत स्लीपर श्रेणी में यात्रा करने वाला यात्री थर्ड एसी में तो थर्ड एसी वाला सेकेंड एसी में यात्रा कर सकता है। यह तब संभव है जब उच्च श्रेणी में सीटें खाली होती हैं। इस प्रकार के अधिकतर मौके यात्रियों को नान पीक सीजन में मिलते हैं। इसी तर्ज पर अब रेलवे ने वेटिंग वाले यात्रियों को कन्फर्म सीट दिलाने के लिए पहली अप्रैल से विकल्प योजना की शुरूआत की है। इसके तहत मेल/एक्सप्रेस के टिकट पर यात्री राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा कर सकते हैं। खास बात यह है कि यात्रियों को किराये का अंतर भी नहीं देना पड़ेगा। विकल्प योजना की सुविधा के लिए यात्रियों को टिकटों की बुकिंग कराते समय कुछ ट्रेनों का विकल्प के रूप में भरना जरूरी होगा। रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना की शुरुआत आईआरसीटीसी के ऑनलाइन टिकटों पर करने का निर्णय लिया है। इसकी सफलता के बाद आने वाले समय में टिकटों का दायरा और बढ़ाया जाएगा। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) नीरज शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन टिकटों की सफलता के बाद रेलवे अधिकृत बुकिंग काउंटरों से बुक होने वाले टिकटों पर इससे लागू किया जाएगा। इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ उन यात्रियों को मिलेगा जिनके टिकट कन्फर्म नहीं हैं। उदाहरण के तौर पर गोमती एक्सप्रेस से किसी ने लखनऊ से नई दिल्ली का टिकट कराया और आरक्षण चार्ट बनने पर टिकट कन्फर्म नहीं हुआ तो ऐसे में उस यात्री को शताब्दी समेत शाम को लखनऊ से दिल्ली जाने वाली अन्य किसी ट्रेन में बर्थ खाली होने पर आवंटित किया जा सकेगा। विशेष बात यह है कि गोमती एक्सप्रेस व शताब्दी एक्सप्रेस के किराये का बहुत अंतर है, लेकिन विकल्प योजना में इस अंतर का किराया नहीं लिया जाएगा। विकल्प योजना वीआईपी ट्रेन शताब्दी व राजधानी एक्सप्रेस में ही नहीं बल्कि सभी स्पेशल व सुविधा स्पेशल ट्रेनों में लागू किया जाएगा। इस नई व्यवस्था के पीछे यह माना जा रहा है कि वर्तमान में नियमित ट्रेनों में सीटें कन्फर्म न होने की दशा में टिकटों की वापसी में रेलवे को लिपिकीय शुल्क काटकर पैसा वापस करना पड़ता है, जबकि शताब्दी व स्पेशल ट्रेनों में सीटें खाली रहती हैं।
Check Also
सपा के प्रदेश सचिव बनें विनय श्रीवास्तव
बिजनेस लिंक ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष …