नेशनल फिल्म अवॉर्ड जूरी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर अक्षय कुमार का नाम लिया, तो ट्विटर पर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया.नेशनल अवार्ड को लेकर अक्षय कुमार के बार अधिकतर लोगों का मानना है कि वो अवार्ड के लायक नहीं थे और अलीगढ़, दंगल जैसी फिल्मों को तवज्जो नहीं दी गई .
बताया जा रहा था कि अक्षय कुमार का नाम गलत लिस्ट में शामिल हो गया. वहीं शओशल मीडिया पर भी लोग दंगल और अलीगढ़ जैसी फिल्मों को नजरअंदाज करने के लिए प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लोगों का मानना है कि अक्षय कुमार की रुस्तम से ज्यादा आमिर खान की फिल्म दंगल नेशनल अवॉ़र्ड के लायक थी.
ऐसे में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जूरी के अध्यक्ष फिल्ममेकर प्रियदर्शन अक्षय कुमार को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने के फैसले का पक्ष रखते नजर आए. फिल्म ‘हेरा फेरी’ के डायरेक्टर प्रियदर्शन का कहना है कि अक्षय को यह पुरस्कार उनकी फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ और ‘रुस्तम’ की परफॉर्मेंस के लिए दिया गया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई को प्रियदर्शन ने कहा कि किसी ने तब यह सवाल क्यों नहीं उठाए थे जब पिछले साल अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्म ‘पीकू’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया और वह इस जूरी को हेड करने वाले डायरेक्टर रमेश सिप्पी के नजदीक हैं.
प्रियदर्शन ने इस साल चुने गए अक्षय कुमार पर उठाए जा रहे सवालों पर पीटीआई को बताया, ‘मैंने सब सुना है और मैं इस सब का जवाब दूंगा. जब रमेश सिप्पी इस जूरी के हेड थे तब अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार मिला. जब प्रकाश झा इस जूरी के अध्यक्ष थे, तब अजय देवगन को यह पुरस्कार मिला था. तब किसी ने इसपर सवाल क्यों नहीं किए, तो अब यह सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं.’ अक्षय कुमार को नेशनल अवार्ड एयरलिफ्ट और रूस्तम दोनों के लिए दिया गया.