-
नगर निगम में जमा हुए 21 करोड़
-
पिछले साल का टूटा रिकार्ड, 232 करोड़ की हुई वसूली
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। एक मुश्त समाधान योजना ने नगर निगम का खाली खजाना भर दिया है। नोटबंदी के बाद से आर्थिक तंगी झेल रहे निगम के लिए ओटीएस सौगात लेकर आई। वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर करीब 22 करोड़ रुपए हाउस टैक्स जमा हुआ। ३१ मार्च की देर रात तक टैक्स जमा होता रहा। गत वर्ष की तुलना में नगर निगम ने वसूली में लंबी छलांग लगाई।
232 करोड़ रुपए गृहकर जमा हुआ। नौ मार्च को ओटीएस लागू होने के बाद से काउंटरों पर भीड़ नहीं बढ़ रही थी। मगर 31 मार्च को 20 फीसदी छूट समाप्त होने पर बीते एक सप्ताह से काउंटरों पर जबरदस्त भीड़ पहुंची। भवन स्वामियों ने सुबह से ही काउंटरों पर लाइन लगा ली। नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों ने व्यवस्था तैयार कर रखी थी। चूंकि वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन था और रविवार को अवकाश का दिन होने के बाद भी काउंटर खोले गए। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया 232 करोड़ रुपए टैक्स जमा हुआ, जबकि पिछले साल सवा सौ करोड़ रुपए ही वसूली हुई थी।
अब देना होगा 12 फीसदी ब्याज
31 मार्च तक ओटीएस का लाभ लेने पर मौजूदा वित्तीय वर्ष 2018-19 का ब्याज माफ होने के साथ एरियर में 20 प्रतिशत की छूट समाप्त हो गई। हालांकि ओटीएस योजना अभी लागू रहेगी। यह सुविधा सिर्फ 2017-18 के एरियर व ब्याज पर मिलेगी। एक अप्रैल से बकाया जमा करने पर चालू वित्तीय के टैक्स में 12 फीसदी का ब्याज लगेगा। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 300 करोड़ के टारगेट के सापेक्ष करीब 157 करोड़ पए की वसूली हुई। इस वित्तीय वर्ष के लिए 350 करोड़ रुपए का लक्ष्य तय किया गया था। ओटीएस योजना लागू होने पर 232 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।
कामर्शियल पर 350 करोड़ बकाया
गत वर्ष इस महीने में 54.65 करोड़ से ज्यादा टैक्स जमा हुआ था। वित्तीय वर्ष के अंतिम माह में हमेशा से हाउस टैक्स की वसूली सबसे ज्यादा होती रही है। नगर निगम को उम्मीद है सिंतबर तक पांच सौ करोड़ रुपए वसूली होगी। दरअसल, ओटीएस योजना अप्रैल तक लागू है। अभी कामर्शियल व सरकारी भवनों के बकाएदारों ने टैक्स नहीं जमा किया है। ओटीएस योजना में सरकारी भवनों को सितंबर तक का समय दिया गया है। ऐसे में साल के अंत तक वसूली पांच सौ करोड़ तक पहुंचेगी। लगभग 350 करोड़ रुपए कामर्शियल पर टैक्स बकाया है।