-
पटरी बिछाने के लिए रेलवे मंत्रालय नियुक्त करेगा कंसल्टेंट
लखनऊ। गोमती नगर विस्तार के जनेश्वर मिश्र पार्क में चिडिय़ाघर की तर्ज पर बाल ट्रेन चलेगी। रेल मंत्रालय भारत सरकार से एलडीए को ये ट्रेन मिल रही है। इसके लिए पटरी बिछाने का काम और रखरखाव प्राधिकरण को करना है। लेकिन एलडीए के पास तकनीकी विशेषज्ञ न होने से रेलवे मंत्रालय से ही सहयोग मांगा गया है।
चुनाव बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। यूपी में लखनऊ के अलावा गाजियाबाद, कानपुर, आगरा को भी बाल ट्रेन मिली हैं। आवास विभाग के प्रस्ताव पर रेलवे मंत्रालय से कन्सल्टेंट तैनात होगा। इसके बाद बच्चे बाल ट्रेन का मजा ले सकेंगे। गोमती नगर में जनेश्वर मिश्र पार्क एशिया का सबसे बड़ा पार्क है जिसका कुल क्षेत्रफल 378 एकड़ का है। जिसको पैदल घूम पाना बहुत मुश्किल है।
खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों केलिए ये बहुत कष्टप्रद है। इसलिए बाल ट्रेन का विचार अब बहुत जल्द ही मूर्तरूप लेगा। भारत सरकार के जरिए रेलवे मंत्रालय ने यूपी के चार शहरों के लिए बाल ट्रेन बीते साल दी थी। लेकिन प्लेटफार्म, पटरियां बिछाने व इसके संचालन को लेकर प्राधिकरण के पास अनुभवी इंजीनियर नहीं हैं। ऐसे में इस काम के लिए आवास विभाग से रेलवे मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया है।
मंत्रालय से इस काम के लिए कंसल्टेंट नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। बताया जा रहा है कि चुनाव बाद इसे मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा। बहुत जल्द ही रेलवे के अभियंता जनेश्वर पार्क का निरीक्षण कर के यहां कितने किमी क्षेत्र में बाल ट्रेन चलाई जा सकती है ये तय करेंगे। बताया जा रहा है कि जनेश्वर मिश्र पार्क में पांच किमी में बाल ट्रेन चलेगी।
प्राधिकरण के उप निदेशक उद्यान एसपी सिसौदिया ने बताया कि हाल ही में रेल मंत्रालय से नैरो गेज की चार अत्याधुनिक बाल ट्रेनें उत्तर प्रदेश को मिली हैं। ये ट्रेन रेलवे से नि:शुल्क मिलेंगी। रेलवे के अभियंता कुछ समय बाद पार्क का दौरा करेंगे और स्पष्ट करेंगे कि कितना लंबा ट्रैक पार्क में बिछाया जाएगा। लखनऊ जू में बाल ट्रेन करीब 75 एकड़ क्षेत्रफल में चलाई जाती है।
जबकि जू लगभग 100 एकड़ में फैला हुआ है। इस लिहाज से जनेश्वर मिश्र पार्क में भी अच्छे खासे क्षेत्र को बाल ट्रेन के तहत कवर किया जा सकता है। बता दें कि पार्क में रेलवे इंजन पहले से स्थापित किया गया है। इसके अलावा यहां वॉटर बॉडी में गंडोला को भी चलाया जा रहा है। सबसे ऊंचा तिरंगा भी यहां की पहचान बना हुआ है।
अब बाल ट्रेन के चलने से पार्क की रौनक और बढ़ेगी। अखिलेश सरकार में विकसित किए गए। इस पार्क में लंदन आई की स्थापना को लेकर भी कवायद शुरू हुई मगर खर्च ज्यादा होने से फाइल बंद कर दी गई।