दवाओं की आॅनलाइन बिक्री के विरोध में आज देश भर की सभी दवा दुकानें बंद रहेंगी। देश के लगभग 9 लाख केमिस्ट आज हड़ताल पर रहेंगे। आल इंडिया ऑर्गनाइजेशन आफ केमिस्ट एन्ड ड्रगिस्ट जंतर-मंतर पर इकठ्ठा होकर धरना भी देंगे। दवाओं की दुकानें बंद होने से मरीजों को परेशानी हो सकती है।
क्या है वजह
केमिस्टों का मानना है कि ये सब रिटेल कारोबार को खत्म करने की कोशिश है। दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पब्लिक हेल्थ के लिए भी गंभीर खतरा है। केमिस्ट सरकार की ई-फार्मेसी पॉलिसी का भी विरोध कर रहे हैं। ऑनलाइन के खिलाफ यह दलील भी दी जाती है कि जब देश में कानून ही नहीं है, तो कैसे दवाएं इंटरनेट पर बेची जा रही हैं।
ये है केमिस्टों की चिंता
देश के केमिस्ट हड़ताल के पक्ष में दलील दे रहे हैं कि ऑनलाइन सेल से गलत दवा की बिक्री भी हो सकती है। दवाएं बिना प्रिस्क्रिप्शन के भी लेना आसान हो गया है।ऑनलाइन में दवा की असली-नकली की पहचान मुश्किल होती है। यही नहीं दवा दुकानदारों का ये भी कहना है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का दबाव दे रही है। लेकिन इस बीच मिलने वाले मार्जिन को कम करने से उन्हें घाटा हो रहा है। एसोसिएशन का कहना है कि उसने इन तमाम मांगों और परेशानियों को सरकार के सामने कई बार रखा है लेकिन सरकार की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
जेनरिक में हो रहा खेल
जेनरिक दवाइयों में खेल हो रहा है। इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है। जेनरिक दवाइयों की प्रिंट कीमत 20 रुपये होती है, जबकि उसकी असली कीमत 4 से 5 रुपये है। दुकानदार 80 प्रतिशत छूट देकर ग्राहकों को बेवकूफ बनाते हैं।
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