चारबाग, लखनऊ जं. पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं
विधानभवन में विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद नहीं रहे चेत
प्रबंधन का सुरक्षा के बेहतर इंतजाम का दावा हकीकत से कोसो दूर
लखनऊ। विधान भवन में विस्फोटक सामग्री मिलने के बावजूद राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन और बस अड्डों की सुरक्षा के प्रति बेपरवाही बनी है। स्टेशन व बस अड्डों पर प्रबंधन सुरक्षा के बेहतर इंतजाम का दावा तो करता है, लेकिन हकीकत दावे से कोसो दूर है। दोनों जगहों पर कई ऐसे स्थान हैं जहां से कोई भी आसानी से आ-जा सकता है। चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंचने के लिए वैसे तो यात्रियों के लिए दो मार्ग हैं, लेकिन कई ऐसे रास्ते भी हैं जिनसे होकर कोई भी बेरोकटोक प्लेटफार्म नंबर एक तक पहुंच सकता है। इन जगहों पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। चारबाग के प्लेटफार्म नंबर 8 पर खम्मनपीर बाबा की मजार है। ऐसे में यहां आने-जाने वालों से किसी तरह की पूछताछ नहीं होती है। ऐसे में इस रास्ते से कोई भी स्टेशन में घुसकर कहीं भी जा सकता है। वहीं इसके बगल में ही रेलवे मेल सर्विस (आरएमएस) कार्यालय है। इसका एक गेट बाहर की तरफ तो दूसरा गेट प्लेटफार्म नंबर एक पर खुलता है। यहां से भी कोई आसानी से स्टेशन में प्रवेश कर सकता है। वहीं पार्सल घर की तरफ से भी आसानी से स्टेशन के अंदर पहुंचा जा सकता है। पार्सल घर की तरफ से प्लेटफार्म नंबर एक पर आसानी से एंट्री की जा सकती है। यही नहीं प्लेटफार्म 1 पर बने रेस्टोरेंट से भी लोग बिना रोकटोक स्टेशन में आते हैं और बाहर निकल जाते हैं।
कैब-वे के रास्ते पर सुरक्षा नदारद
चारबाग की तरह लखनऊ जंक्शन की सुरक्षा भी भगवान भरोसे है। लखनऊ जंक्शन में दाखिल होने के लिए दो गेट हैं। सुरक्षा के लिए एंट्री प्वाइंट पर एक स्कैनर लगा है। दोनों तरफ डीएफएमडी गेट बने हैं, लेकिन बहुत से लोग डीएफएमडी के बगल से स्टेशन में दाखिल होते हैं। इन्हें रोका नहीं जाता है। वहीं मवैया से कैब-वे होकर आने वाला रास्ता सीधे प्लेटफार्म नंबर 6 पर पहुंचता है। जिस पर कहीं भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं। यह रास्ता भी यहां की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
फैक्ट फाइल
- चारबाग रेलवे स्टेशन से रोजाना बन कर चलने वाली ट्रेनें – 10
- रोजाना आने-जाने वाली ट्रेनों की संख्या- 300
- स्टेशन पर हैं चार डीएफएमडी गेट और चार मेटल डिटेक्टर
- रोजाना आने-जाने वाले यात्री करीब – डेढ़ लाख
- सुरक्षा के लिए लगाए गए एचडी कैमरे – 53
- 360 डिग्री एंगल पर घूमने वाले कैमरे- 5
-यहां सुरक्षा चाक-चौबंद है। सरकुलेटिंग एरिया और प्लेटफार्मों पर लगातार गश्त होती है। जहां से यात्रियों की एंट्री नहीं है, वहां पर क्यूआरटी के सिपाही सादी वर्दी में तैनात हैं।
यूपी सिंह, इंस्पेक्टर, जीआरपी
सुरक्षा का जिम्मा पांच कैमरों पर
रेलवे स्टेशन की तरह चारबाग बस अड्डे की सुरक्षा का भी भगवान ही मालिक है। चारबाग बस अड्डे पर यात्रियों पर नजर रखने के लिए केवल पांच कैमरे लगे हैं। लेकिन उन पर नजर रखने वाला कोई नहीं है। आलम यह है कि अधिकारियों के कमरे तक भी लोग आसानी से पहुंच जाते हैं। यहां गेट पर एंट्री के लिए कोई प्वाइंट नहीं है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुरक्षा की क्या स्थिति है।
-आलमबाग बस अड्डे का निर्माण पूरा होते ही यह बस स्टेशन वहां शिफ्ट हो जाएगा। आलमबाग में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था होगी। अभी यहां आने वाले यात्रियों की निगरानी कैमरे लगाकर की जा रही है।
विवेकानंद तिवारी, स्टेशन प्रबंधक, चारबाग बस स्टेशन
एक नजर
- रोजाना 300 से अधिक बसों का संचालन
- 35 हजार यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर
एसी बस अड्डे पर भी सुरक्षा राम भरोसे
परिवहन निगम के पहले वातानुकूलित बस स्टेशन कैसरबाग की भी सुरक्षा राम भरोसे है। कहने को तो यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से 16 कैमरे लगाए गए हैं। लेकिन यात्रियों के लगेज को चेक करने के लिए न तो स्कैनर है और न ही यहां पर डीएमएमडी और मेटल डिटेक्टर की व्यवस्था है। सीसीटीवी व गार्ड के सहारे ही सुरक्षा की गारंटी दी जा रही है।
-ड्यूटी पर गार्ड रहते हैं और सीसीटीवी से भी स्टेशन के हर कोने पर नजर रखी जाती है। सुरक्षा के लिए पास ही एक पुलिस चौकी भी बनाई गई है।
प्रमोद त्रिपाठी, स्टेशन इंचार्ज, कैसरबाग बस स्टेशन
नंबर गेम
- 200 बसों का रोजाना संचालन
- 25 हजार यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर