- औरैया जाते समय आगरा-लखनऊ एक्सपे्रस वे पर किये गये गिरफ्तार, एक घंटे रहे नजरबंद
- सरकार जन्माष्टमी और सडक़ पर नमाज के मामलों में उलझी, ऐसे नहीं बनेगा नया भारत : अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिरफ्तारी से सूबे का सियासी पारा बढ़ गया है। अपने ही ड्रीम प्रोजेक्ट आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर गिरफ्तारी के बाद उन्होंने कहा भाजपा लोकतंत्र मिटाओ मिशन पर है। औरैया जिला पंचायत चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने लोकतंत्र की मर्यादा ध्वस्त की है। लोकतंत्र का दमन और धर्म के नाम पर विभाजन ही भाजपा सरकार का एजेंडा है। पर, जनता के हितों के लिए समाजवादियों का संघर्ष जारी रहेगा।
औरैया जा रहे पूर्व सीएम को पुलिस ने हिरासत में लिया और हसनगंज के कृषि विज्ञान केन्द्र के गेस्ट हाउस में एक घंटे तक नजरबंद किया। यह खबर आग की तरह पूरे प्रदेश में फैल गई। प्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुये। विरोध की ज्वाला ऐसी भडक़ी कि समाजवादी कार्यकर्ता, पदाधिकारी सडक़ों पर उतर आये और धरने पर बैठ गये। उधर, औरैया में जिला जज के सामने सपा के पूर्व सांसद प्रदीप यादव को पेश कर इटावा जेल भेज दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने खुद को हिरासत में लिये जाने का जिक्र करते हुये कहा, पिछले विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगी दलों के साथ कुल 403 में से 325 सीटें जीतने वाली भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भी जनता के सामने जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है, इसीलिए वह पुलिस की मदद से जिला पंचायत सदस्यों का उत्पीडऩ कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि दरअसल भाजपा नहीं चाहती थी कि जिला पंचायत चुनाव में सपा प्रत्याशी का नामांकन दाखिल हो। क्योंकि वे अच्छी तरह से जानते थे कि वहां कोई भी सदस्य उनके पक्ष में नहीं है, इसलिए उन्होंने सपा प्रत्याशी का नॉमीनेशन नहीं होने दिया। सपा उम्मीदवार को चुनाव में हिस्सा लेने से रोका गया। सरकार सत्ता के बल पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतना चाहती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया बनाने की बात करते हैं और यूपी में सरकार थानों में जन्माष्टïमी और सडक़ पर नमाज जैसे मामलों में उलझी है। योगी ने सत्ता सम्भालने के बाद कहा था कि झांसी में मेट्रो रेल चलाई जाएगी। अब तो केन्द्र सरकार ने ऐसी नीति बना दी है कि झांसी और गोरखपुर में मेट्रो चल ही नही सकती। अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा केवल गाय की राजनीति कर रही है। पुलिस के दम पर तानाशाही नही चलेगी। सपा कार्यकर्ताओं ने औरैया में तोड़-फोड़ नहीं की। पुलिस अच्छी झाड़ू लगाती है मुझे पहले नही पता था। जरूरत पर पडऩे पर सपा जनता के बीच जाकर आंदोलन करेगी।
जानकारों की मानें तो अखिलेश यादव को औरैया जाने से रोकने के लिये कई जनपदों से फोर्स बुलाया गया। गरमाये माहौल को देखते हुये पुलिस सावधानी बरतती रही। नवाबगंज टोल प्लाजा, कानपुर के जाजमऊ सहित औरैया जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस की कड़ी पहरेदारी रही। औरैया जाने को निकले पूर्व मुख्यमंत्री का काफिला ऐनवक्त पर एक्सप्रेस वे की ओर मुड़ लिया। जानकारी होते ही पुलिस एक्सप्रेस वे पर हसनगंज टोल प्लाजा के पास नाकाबंदी कर पूर्व मुख्यमंत्री को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया।
पूर्व मुख्यमंत्री को साथ लेकर पुलिस कुंवर वीरेन्द्र सिंह कृषि विज्ञान धौरा हसनगंज के गेस्ट हाउस पहुंची। कानपुर के बिल्हौर से सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, विधायक अमिताभ बाजपेई, संजय लाठर समेत बड़ी संख्या में विरोध प्रकट कर रहे कार्यकर्ता गिरफ्तार किये गये। प्रशासन का दावा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को औरैया जाने की इजाजत नहीं थी, बावजूद इसके वे अपने समर्थकों के साथ वहां जा रहे थे। औरैया में शांति बहाल रखने के लिये अखिलेश यादव को हिरासत में लिया गया।
क्या है मामला
औरैया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से दीपू सिंह और समाजवादी पार्टी से सुधीर यादव उर्फ कल्लू सिंह का नामांकन होना था। भाजपा के विधायक की गाड़ी के मुख्यालय में जाने और दीपू सिंह का नामांकन के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन पर भाजपा प्रत्याशी का साथ देने का आरोप लगाते हुये विरोध प्रकट किया। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। अखिलेश यादव औरैया में हुए लाठी चार्ज में घायल हुए पूर्व सांसद प्रदीप यादव से मिलने जा रहे थे। औरैया में किसी भी बवाल से बचने के लिये पुलिस की पूरी तैयारी थी।
गोरखपुर मुद्दे की जांच भी सीबीआई से कराये
सपा अध्यक्ष ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस पीडि़त बच्चों की मौतों का जिक्र करते हुये कहा, इन मौतों का स्पष्ट कारण तो जांच के बाद ही पता होगा। बहरहाल, जो बातें निकलकर आ रही हैं उसके अनुसार वार्ड में ऑक्सीजन आपूॢत बाधित होने के पीछे कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार है। मुख्यमंत्री योगी इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। भाजपा सरकार चाहे तो अन्य जांचों के साथ इस मामले की जांच भी सीबीआई से करा ले।
ऐसे नहीं बनेगा नया भारत
राजधानी में सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, भाजपा ने उत्तर प्रदेश में एक डिजिटल मुख्यमंत्री बैठा रखा है। नये भारत का डिजिटल मुख्यमंत्री। जिस तरह सारी डिजिटल चीजें हवा में हैं, उसी तरह उन्हें भी चीजों के बारे में पता नहीं है। योगी आदित्यनाथ थानों में जन्माष्टमी मनाने और सडक़ पर नमाज के मामलों में उलझे हुए हैं। वह कहते हैं, सपा ने थानों में जन्माष्टमी नहीं मनाने दी। मुख्यमंत्री बतायें पिछले 100 वर्षों में कब थानों में जन्माष्टमी नहीं मनाई गई? थानों की जन्माष्टमी और सडक़ों पर ईद की नमाज की बातें करने से नया भारत नहीं बनेगा।