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भीम यात्रा में गूंजे बाबा साहब के जयकारे
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धूमधाम से मनाई गई भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती
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युवा, माताएं-बहनें, बुजुर्ग समेत हजारों लोग हुए शामिल
समर सिंह
लखनऊ। बाबा साहब अमर रहें, संविधान निर्माता अमर रहें, बाबा तेरा मिशन अधूरा, हम सब मिलकर करेंगे पूरा, जय भीम-जय भीम के गगनभेदी नारों से शुक्रवार को गोसाईंगंज क्षेत्र गूंज उठा। विश्व रत्न, भारत रत्न, संविधान निर्माता, बोधिसत्व, गरीबों, मजलूमों, असहायों, वंचितों और शोषितों के मसीहा बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर ऐतिहासिक विशाल भीम यात्रा निकाली गई।
यह यात्रा सुबह 10 बजे लखनऊ-सुलतानपुर रोड पर स्थित एचसीएल से खुर्दही बाजार, गोसाईंगंज, अमेठी, गंगागंज होते हुए वापस कोड़रा पहुंची। भीम यात्रा में हजारों की संख्या जनसैनाब उमड़ पड़ा जिसमें सभी जाति-धर्म के लोग शामिल हुए। पूरा क्षेत्र नीले रंग में रंग गया। दो पहिया, चार पहिया वाहनों की कई किलोमीटर की लम्बी लाइनें गोसाईंगंज से अमेठी तक लग गईं जो लोगों के मन में उत्साह का भाव पैदा कर रहीं थीं।
लोगों के हाथों में, गड़ियों में नीला झंडा लहरा रहा था। बाबा साहब का रथ आगे-आगे चल रहा था और उसके पीछे-पीछे लोग उत्साह, उमंग, हर्षोल्लास के साथ बाबा साहब को मानने वाले गगनभेदी जयकारे लगा रहे थे। इस यात्रा में लगभग 15 से 20 डीजे साउंड की गाड़ियां भी मौजूद थी। उनमें बाबा साहब के गाने बज रहे थे, जिससे क्षेत्र का माहौल अम्बेडकरमय हो गया था।
इस यात्रा में शामिल तमाम लोगों ने कहा कि राजधानी लखनऊ की अब तक की सबसे बड़ी यह भीम यात्रा थी। इस विशाल भीम यात्रा का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। अभी तक किसी ने भी इतनी बड़ी यात्रा नहीं निकाली है। उन्होंने कहा कि पिछले साल बाबा साहब की जयंती में भी काफी भीड़ थी, लेकिन इस बार किसी को यह अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में किशोर, युवा, अधेड़, बुजुर्ग, माताएं, बहनें और बच्चे शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि हजारों लोग इस यात्रा में शामिल हुए। इस विशाल भीम यात्रा में कई संगठनों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, सदस्य शामिल रहे। कई समाजसेवियों ने जगह-जगह जलपान की व्यवस्था भी की थी। यात्रा में शामिल लोगों के हाथों में जा-जाकर पानी, पेठा, बिस्किट आदि देकर जलपान करा रहे थे। उन्होंने भी यात्रा को सफल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यात्रा कोड़रा स्थित समापन स्थल पर पहुंची और वहां खाना खाया और वक्ताओं के विचार सुनें।
वक्ताओं ने व्यक्त किए अपने विचार
इस यात्रा समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप पधारे पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार सिंह यादव, प्रो. राजेंद्र कुमार वर्मा, महेंद्र कुमार एड. समेत तमाम वक्ताओं ने बाबा साहब के बारे में संक्षेप में बताया। वक्ताओं ने कहा कि हमें शिक्षा की ओर ध्यान देना होगा। अगर हम अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे तो वे अपनी व अपने समाज की उन्नति करेंगे। शिक्षा ही अपना सबसे मजबूत हथियार है जिसके बल पर हम अपने अधिकारों को छीन सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बाबा साहब के बताए गए रास्ते पर चलना होगा। हमें उनके आदर्शों को मानना होगा। हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
लोगों के जुनून के आगे बेबस पड़ी भीषण गर्मी
चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी भी लोगों के जुनून के आगे बेबस पड़ गई। अम्बेडकरवादी पसीने से भीगे हुए थे, लेकिन उनका उत्साह सातवें आसमान पर था। यात्रा में शामिल सभी बाबा साहब के चाहने वालों के उत्साह का तेज धूप भी कुछ न कर सकी। सभी लोग लगभग 40 किलोमीटर की लम्बी भीम यात्रा के समापन स्थल तक डटे रहे। लगातार बाबा साहब के नाम के जयकारे लगाते रहे।
भीम यात्रा में ये दिग्गज रहे शामिल
विधायक पल्लवी पटेल, सीएल वर्मा, पूर्व विधायक अम्बरीश सिंह पुष्कर, पूर्व आईएएस राम बहादुर रावत, अनोद कुमार रावत, सूरज प्रधान, गोसाईंगंज के ब्लाक प्रमुख विनय कुमार वर्मा उर्फ डिम्पल, पूर्व ब्लाक प्रमुख डॉ. नरेंद्र कुमार रावत, अरविंद कुमार रावत, नंद किशोर यादव, अनुज यादव, शेखर यादव, राम विरज रावत, रामयश विक्रम, विश्रामराज पासी, रमाशंकर भीम एड., राम समुझ एड., संजय कुमार एड., दिनेश कुमार एड., प्रधानों में राम सिंह, जितेंद्र कुमार जीतू, सर्वेश कुमार, रामदेव, दिनेश यादव, जगरूप यादव, सुनील यादव, अतर सिंह यादव, धनराज यादव, अखिलेश, श्याम सिंह यादव, शंकरदीन, राम सनेही, राजबहादुर, धर्मेंद्र कुमार रावत, रिंकू, मंगल व अन्य लोगों में कमल किशोर, ललित रावत, सुधीर कुमार रावत, राकेश कुमार रावत, सुनील कुमार, धीरज रावत, गुड्डू रावत, धर्मेंद्र कुमार, प्रवीण कुमार, कमलेश कुमार रावत, नवनीत रावत, शिवकुमार, तेज सिंह, सूरजभान सिंह, आदर्श कुमार, नितिन आर्या, ललित कुमार, हरीश पासवान, धर्मवीर पासवान, अर्चना रावत, राकेश रावत, प्रभात कुमार, प्रमोद भार्गव, संकेत रावत, गौरव रावत, बोधराम पासी, संत प्रकाश रावत, कृष्णा जी रावत, दुर्गेश कुमार अम्बेडकर, कैलाश सिद्धार्थ, उमेश यादव समेत हजारों लोग शामिल रहे।