- मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत उद्योग लगाने के लिए मिलेगा 25 लाख रुपये का ऋण : पचौरी
- उद्योग स्थापना के लिए 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र के कार्यों के लिए मिलेगा 10 लाख रुपये का ऋण
- राज्य सरकार देगी पिछड़े वर्ग के लोगों को उद्यमिता की ट्रेनिंग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार सुलभ कराने के लिए नई पहल की है। इसके लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से लोग अपना रोजगार स्थापित करने के साथ-साथ अन्य बेरोजगारों को भी रोजगार देंगे। वास्तव में, यह योजना ऐसे लोगों को रोजगार की ओर प्रेरित करेगी, जो बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी ने इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का लाभ लेकर अपने आॢथक जीवन में बेहतर बदलाव ला सकते हैं और प्रेरणा का श्रोत बन सकते हैं। इस योजना के अन्तर्गत उद्योग स्थापना के लिए 25 लाख रुपये और सेवा क्षेत्र के कार्यों के लिए 10 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराने का प्राविधान किया गया है। कुल परियोजना लागत का 25 प्रतिशत माॢजन मनी, अनुदान दिया जायेगा। उद्योग क्षेत्र के लिए अधिकत्म 6.25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र के लिए अधिकतम 2.5 लाख रुपये तक की माॢजन मनी मिलेगी।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ने बताया, जो लोग इस योजना के तहत अपना उद्यम स्थापित करना चाहते हैं, वे जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो, उसकी आयु 18 से 40 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। हाईस्कूल उत्तीर्ण हो तथा किसी वित्तीय संस्थान से उसे डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। लघु उद्योग मंत्री ने बताया कि अभ्यर्थी द्वारा भारत सरकार, राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना से लाभ न प्राप्त किया गया हो। आवेदक अथवा उसके परिवार के किसी एक व्यक्ति को योजना के अन्तर्गत केवल एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा। इसके लिए उसे शपथ-पत्र देना अनिवार्य होगा।
पिछड़ों को उद्यमिता की ट्रेनिंग देगी सरकार
राज्य सरकार पिछड़े वर्ग के लोगों को उद्यमिता की ट्रेनिंग देगी। इस ट्रेनिंग में बताया जाएगा कि किस तरह से लोग अपना उद्यम शुरू कर सकते हैं। साथ ही उद्यम शुरू करने के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में बताएंगे। एमएसएमई विभाग द्वारा कैबिनेट में प्रस्ताव पेश करेगा। प्रस्तावित कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार पिछड़ा वर्ग के लोगों को उद्यमिता की ट्रेनिंग दिलवाने वाली योजना को मंजूरी देगी। पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए शुरू की जा रही इस योजना का लाभ 18 साल से 40 साल तक के लोग उठा सकेंगे। इस योजना में महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। वहीं दिव्यांगजनों के लिए 2 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी।
इन ट्रेड्स में दी जाएगी ट्रेनिंग
बढ़ई, प्लम्बरिंग, सुरक्षा गार्ड, मेडिकल नर्सिंग, दुपहिया वाहन रिपेयरिंग, ट्रैक्टर रिपेयरिंग, बिजली मोटर रिपेयरिंग, बिजली के छोटे मोटे सामान बनाने एवं रिपेयरिंग का कार्य, बांसबेत, कालीन एवं दरी बुनाई, बोरिंग मिस्त्री, लेथ मशीन मैकेनिक, इलेक्ट्रीशन, साडय़िों की कढ़ाई- छपाई, टेलरिंग, स्थानीय जरूरतों के मुताबिक ट्रेड के लिए कैंप लगाकर ट्रेनिंग दी जाएगी।
डिफेंस पॉलिसी को मिलेगी मंजूरी
डिफेंस कॉरिडोर में मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार एरोस्पेस और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी को मंजूरी दे सकती है। भारत सरकार और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा विचार-विमर्श के बाद बनाई गई है। इस पॉलिसी में डिफेंस के क्षेत्र में नए उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को कई तरह की रियायतें दी जाएंगी। इंवेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया था।