- दिशा-निर्देश का पालन नहीं हुआ तो थाना प्रभारी को निजी तौर पर न्यायालय की अवमानना का दोषी माना जाएगा
- दीपावली रात 8 से 10 बजे तक, क्रिसमस और नया साल रात 11.55 से 12.30 तक
- पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा, लाइसेंस धारक ही पटाखे बेच सकेंगे
- पटाखों की बिक्री से जुड़े निर्देश सभी त्योहारों तथा शादियों पर भी लागू
- ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री पर रोक
- पटाखों की आनलाइन बिक्री नहीं होगी
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। सात नवंबर को दिवाली के पर्व पर रात आठ बजे से दस बजे तक पटाखे छोड़े जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण और कारोबार के बीच संतुलन बनाते हुए आतिशबाजी के लिए दो घंटे की समयसीमा निर्धारित की है। गुरुपर्व तथा अन्य त्यौहारों पर भी दो घंटे के मियाद कायम रहेगी। हालांकि देशभर के लोग क्रिसमस और 2019 का आगमन पटाखों से करना चाहें तो उन्हें रात 11.55 से ही इसकी अनुमति होगी। रात साढ़े बारह बजे तक पटाखों की आवाज के बीच नए साल का जश्न मनाया जा सकता है। जस्टिस अर्जन कुमार सीकरी और अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण पर हो रहे शोध और स्टडी का कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है। लेकिन पहली नजर में इस तरह के सबूत मिले हैं कि पटाखों से पर्यावरण को भारी खतरा है। प्रथम दृष्टया नतीजों के आधार पर ही फिलहाल यह समय सीमा लागू रहेगी। ग्रीन पटाखों को छोडऩे की अनुमति होगी। देशभर में कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाले हरित पटाखे बनाने की अनुमति दे दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लिपकार्ट और एमेजन जैसी ई-व्यापारिक वेबसाइटों को किसी भी तरह के पटाखों की बिक्री नहीं कर सकेंगे। यदि ऑनलाइन साइटों ने पटाखे बेचने की कोशिश की तो उन्हें अदालत की अवमानना का सामना करना पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के मकसद से देश में पटाखों के निर्माण और उनकी बिक्री पर प्रतिबंध के लिए दायर याचिका पर यह आदेश दिया। अदालत ने कहा कि निर्धारित सीमा के भीतर ही शोर करने वाले पटाखों की बाजार में बिक्री की अनुमति होगी। अदालत ने केन्द्र, दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार से कहा कि वह दीपावली और दूसरे त्यौहारों के अवसर पर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सामुदायिक तरीके से पटाखे फोडऩे को प्रोत्साहन दे। प्रतिबंधित पटाखे फोड़े जाने की स्थिति में संबंधित इलाके के थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे। पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी अर्गनाइजेशन (पेसो) से कहा गया है कि वह पटाखों में अल्यूमिनियम की मात्रा पर विशेष ध्यान रखे। बैरियम रसायन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। अभी तक स्टडी में पाया गया है कि यह दो रसायन सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। पेसो वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत काम करता है। इन दोनों रसायन रहित पटाखे की दिल्ली और एनसीआर में बिक सकेंगे। लिथियम, आर्सेनिक, एंटिनमी (अंजन, सुरमा), सीसा और पारा युक्त पटाखे पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
इन रसायनों के साथ पूर्व में निर्मित पटाखे बाजार मे नहीं लाए जा सकेंगे। बम की आवाज कितनी डेसिबल तक होगी, इसके लिए 12 सितंबर, 2017 को निर्देश जारी किए गए थे। वह कायम रहेंगे। सिर्फ लाईसेंसी विके्रता ही पटाखे बेच सकेंगे। केन्द्र, दिल्ली, यूपी और हरियाणा सरकार से कहा गया है कि वह एनसीआर क्षेत्र में सामुदायिक आतिशबाजी की जगह निर्धारित करे। एक सप्ताह बाद यह स्थान तय किए जाने चाहिए और उसका प्रचार किया जाना चाहिए।
विदेशी पटाखों की बिक्री पर प्रतिबन्ध
लखनऊ। जिला मजिस्ट्रेट लखनऊ कौशल राज शर्मा ने दण्ड प्रक्रिया संहिता का धारा-144 के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जन-जीवन एवं निजी/लोक सम्पत्ति की हानि एवं दंगा, बलवा के निवारण के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किये हैं। उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर पटाखे आदि के प्रयोग से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के समबन्ध में उच्चतम न्यायालय द्वारा 27 सितम्बर 2001 को पारित आदेश के अनुपालन में पटाखे के फटने के स्थान से 4 मीटर की दूरी पर 125 डीबी (एआई) अथवा 145 डीबी (सी) पीके से अधिक ध्वनि तीव्रता उत्पन्न करने वाले पटाखों का उत्पादन एवं विक्रय निषिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति सायं 6 बजे से रात्रि के 10 बजे तक की अवधि को छोड़कर पटाखा/आतिशबाजी का प्रयोग नहीं करेगा और रात्रि 10 बजे से प्रात: काल 6 बजे तक की अवधि में पटाखा/आतिशबाजी का प्रयोग नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति बिना क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट की अनुज्ञा के आतिशबाजी के फुटकर विक्रय की दुकान 5 नवम्बर से पूर्व नही लगायेगा और न ही विक्रय करेगा। अस्थायी आतिशबाजी की दुकाने अनुज्ञा प्राप्ति के बाद 5 नवम्बर व 6 नवम्बर को प्रात: 10 बजे से रात्रि 9 बजे तक तथा 7 नवम्बर को प्रात: 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक लगायी जायेगी। उन्होंने बताया कि विदेशी पटाखों का क्रय, विक्रय एवं उपयोग नहीं किया जायेगा। उन पटाखों को विक्रय नही किया जायेगा जिसमें एटीमनी, लिथियन, मरकरी, आर्सेनिक, लेण्ड और स्ट्रान्सियम, क्रोमेड का प्रयोग किया गया हो।