- राजधानी में प्रस्तावित तीन फ्लाईओवर के निर्माण में आई तेजी, जमीन पर दिखने लगा कार्य
- हुसैनगंज से डीएवी कॉलेज, हैदरगंज क्रासिंग से मियां बेकरी और हैदरगंज क्रासिंग से नीबू पार्क तक बनने हैं फ्लाईओवर
- इन परियोजनाओं पर खर्च होंगे 714.98 करोड़ रुपये, दोनों ओर 12-12 मीटर खाली करई जायेगी सडक़
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी में प्रस्तावित तीन फ्लाईओवर का निर्माण जमीन पर दिखने लगा है। राजधानी को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिये राज्य सरकार ने पुराने शहर स्थित फूलमंडी से हैदरगंज चौराहे से पहले दो लेन, हैदरगंज तिराहे से मिल एरिया चौकी तक दो लेन और गुरु गोविंद सिंह मार्ग पर हुसैनगंज चौराहे से बास मंडी चौराहा, नाका हिंडोला होते हुये डीएवी चौराहे तक तीन लेन के फ्लाईओवर के निर्माण को हरी झंडी दिखाई थी। कार्यदायी संस्थान उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम इन तीनों निर्माण को निर्धारित समय में पूरा करने की योजना बनाकर कार्य कर रहा है। प्रारंभिक तैयारियों के बाद यह निर्माण अब जमीन पर दिखाई देने लगा है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम प्रबंध तंत्र ने पुराने लखनऊ को जाम से निजात दिलाने के लिये राजधानी के चौक, हैदरगंज व हुसैनगंज में तीन फ्लाईओवर का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन ने जनहित में इन परियोजनाओं की आवश्यकता को समझते हुये तत्काल इसे हरी झंडी दे दी। अत्यंत भीड़भाड़ वाले इलाके चरक चौराहा चौक से हैदरगंज क्रासिंग व हुसैनगंज से डीएवी कालेज तक सेतु निगम ने तीन एलिवेटेड रोड निर्माण पर 714.98 करोड़ रुपये की धनराशि का खर्च प्रस्तावित है। सरकार की यह योजना राजधानी में लगने वाले जाम से निजात दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। पुराने लखनऊ में फूलमंडी से हैदरगंज तिराहा और यहां से मिल एरिया चौकी तक बनने वाले दोनों फ्लाईओवर के लिये सैकड़ों दुकानें तोड़ी जायेंगी। दरअसल, फ्लाईओवर का निर्माण शुरू करने के लिये इस रूट पर 24 मीटर चौड़ी सडक़ की दरकार है, लेकिन यहां कहीं पर भी 15 मीटर से अधिक सडक़ की चौड़ाई नहीं है। ऐसे में डिवाइडर के दोनों ओर 12-12 मीटर तक सडक़ खाली करवाई जा रही है। इस दौरान सैकड़ों दुकानों का टूटना तय है।
गौरतलब है कि बीते दिनों गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इन तीनों परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। प्रारंभिक तैयारियां पूरी करने के बाद कार्यदायी संस्था सेतु निगम प्रबंध तंत्र ने अब तीनों फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जमीन पर प्रारम्भ कर दिया है। सेतु निगम के अधिकारियों मुताबिक, फ्लाईओवर निर्माण के लिये टेंडर समेत अधिकतर औपचारिकतायें पूरी कर ली गई हैं। पुराने शहर में निर्माण कार्य फूलमंडी से शुरू होगा, लेकिन इससे पहले पूरे रूट से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। ताकि बीच में निर्माण रोकना न पड़े और ट्रैफिक सामान्य रहे। यह जिम्मा पीडब्ल्यूडी का है। ऐसे में पीडब्ल्यूडी इंजिनियर इस रूट पर अतिक्रमण हटवाने के लिये एलडीए और नगर निगम से तंत्र से मिल कर फूलमंडी से नक्खास बिल्लौचपुरा, टूडियागंज और हैदरगंज होते हुए मिल एरिया तक का खसरा खतौनी और राजस्व का नक्शा लिया था। पीडब्ल्यूडी इंजिनियरों के मुताबिक, अतिक्रमण हटवाये बिना फ्लाईओवर का निर्माण मुश्किल है। इस कारण पूरे इस रूट पर ध्वस्तीकरण अभियान में एलडीए व नगर निगम का सहयोग लिया जायेगा।
पुल निर्माण में सभी सुरक्षा उपायों का पालन हो : गहलौत
उत्तर प्रदेश सेतु निगम के कार्यों में गुणवत्ता तथा सुरक्षात्मक उपायों को लेकर अभियंताओं के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में सेतु निगम के प्रबंध निदेशक उत्तम कुमार गहलौत ने कहा कि विभाग के इंजिनियरों को अपने कार्य स्थल पर पूरी तरह संवेदनशील रहने की जरूरत है। उन्हें पुल निर्माण में सभी तरह के सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए गुणवत्तापूर्वक काम करना चाहिए ताकि आकस्मिक हादसों से बचा जा सके। प्रबंध निदेशक ने कहा कि हमें अपने कार्यस्थल पर सुरक्षात्मक उपायों का समयबद्ध निरीक्षण करने के साथ-साथ उनका आवश्यकतानुसार उपयोग करना अत्यन्त जरूरी है। साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से कार्यस्थल की स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देना भी आवश्यक है ताकि कार्य स्थल का पर्यावरण स्वच्छ रहे। प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी की जिम्मेदारी है कि वे एक दूसरे की भावनाओं को समझें और कार्य का वातावरण बेहतर बनायें। अभियंताओं का आह्वान करते हुये प्रबंध निदेशक ने कहा कि वह सुरक्षा मानकों के निरीक्षण में प्रत्येक पहलू का गम्भीरतापूर्वक निरीक्षण करें ताकि होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके।