
संयम रखों-संकल्प करो-अनुशासन अपनाओ ना
सारी दुनिया जंग लड़ रही, दुश्मन एक कोरोना
चीन के झूठ व मक्कारी से मुश्किल में हर कोना
लाखों लाशें बिना कफन के, कहती दफन करोना
अब तक न तो कोई दवा बनी है, न ही जादू टोना
लाकडाउन का पालन करना, हाथ साबुन से धोना
उनकी भूख मिटानी है, जिनके खाली पड़े भगोना
जान हथेली पर रख निकले, सबकी जान बचाने
एैसे कर्मवीरों का सब मिल सम्मान करो-ना
संक्रमित व्यक्ति से अगर मिले हो, स्वयं सामने आओ ना
क्वारंटीन कोई सजा नहीं है, इससे तुम घबराओ ना
संयम रखों-संकल्प करो-अनुशासन अपनाओ ना
एक-दूसरे पर विश्वास करो, मिलकर इसे भगाओ ना
पैदल ही चल दिये, पांव छाले लिए उन्हें गांव याद आता रहा
जब कोरोना वायरस, जहाजों से भारत आता रहा
चूक कैसे हुई जांच में, देश को कौन भरमाता रहा
कनिकाओं व जमातियों के भेष में पांव फैलाता रहा
घर के अन्दर रहो-हाथ धोते रहो, डब्लूएचओ बताता रहा
कर्मवीरों के सम्मान में पूरा भारत थाली बजाता रहा
पूरा विश्व जब कोरोना के भय से डगमगाता रहा
कोरोना की मार से जब अमेरिका छटपटाता रहा
तब पूरा भारत एकता के दीप से जगमगाता रहा
चार पैसे कमाने गये थे शहर
भूख का दर्द उनको सताता रहा
पैदल ही चल दिये, पांव छाले लिए
उन्हें गांव याद आता रहा
ओपी यादव, पूर्व अध्यक्ष, सेन्ट्रल बार एसोसिएशन, रायबरेली
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