उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण दर और मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की और साथ ही रिकवरी दर को बेहतर करके जनमानस में विश्वास पैदा किया है। सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सबकुछ टीम वर्क से सम्भव हुआ है। उसी का नतीजा है कि आज हम छह एल-2 कोविड-19 चिकित्सालय प्रदेशवासियों की सेवा में समर्पित कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में 36 ऐसे जिले थे, जहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं थी, लेकिन आज सभी 75 जिलों में यह सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे सामने प्रदेश की 24 करोड़ आबादी को कोविड-19 संक्रमण से बचाने और जांच की विकसित करने की चुनौती थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिस प्रदेश में परीक्षण की कोई क्षमता नहीं रही हो, वहां आज एक दिन में 1.5 लाख नमूनों की जांच की जा रही है। यह दर्शाता है कि कोविड-19 हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर (स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे) पर राज्य सरकार पूरी गम्भीरता से काम कर रही है।’’ उन्होंने ऑनलाइन जुड़े जनपदों के जनप्रतिनिधियों/अधिकारियों से अपील किया, ‘‘हमें हर हाल में संक्रमण को रोकना व सतर्क रहकर संक्रमण फैलने के चेन को तोड़ना होगा, ताकि प्रत्येक नागरिक को सुरक्षित रख सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के उपचार का सबसे अच्छा तरीका बचाव है। सतर्कता ही इससे बचाव का सबसे बड़ा माध्यम है। सतर्कता के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये मूलमंत्र ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है।’’ इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में आमजन को गुणवत्तापरक चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीरजापुर, भदोही, शामली, बरेली, अमेठी और संत कबीर नगर जिलों में ऑक्सजीन युक्त बिस्तरों से लैस छह एल-2 कोविड चिकित्सालयों का बुधवार को ऑनलाइन लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि राज्य में अभी तक कोविड-19 के एक करोड़ से ज्यादा नमूनों के जांच किए गए हैं, जो अपने-आप में रिकॉर्ड हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक जनपद में एल-01 चिकित्सालय की श्रृंखला, एल-2 कोविड-19 चिकित्सालय की स्थापना, उच्च चिकित्सा संस्थान और मेडिकल कॉलेजों में एल-3 कोविड-19 चिकित्सालय के निर्माण को तेजी से बढ़ाने का काम किया जा रहा है।’’