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जीएसटी निरीक्षक संघ की मांग, किये जाये अंतर आयुक्तालय तबादले

  • वैश्विक कोरोना संकट के चलते केन्द्रीय जीएसटी एवं कस्टम्स विभाग के निरीक्षकों ने की मांग, पुुन: बहाल किये जाये अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण

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लखनऊ। केन्द्र सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद केन्द्रीय जीएसटी एवं कस्टम्स विभाग में जीएसटी एवं कस्टम्स निरीक्षकों को जेनुइन ग्राउंड्स पर भी गृह राज्य में स्थानान्तरण की सुविधा नहीं दी जा रही है। कोरोना महामारी के चलते केंद्र और राज्य की सरकारें मजदूरों और कामगारों की घर वापसी के लिए विशेष रेलगाडिय़ां, छात्रों के लिए स्पेशल बसें और मिशन वंदे भारत के तहत विशेष हवाईजहाज भेजकर घर वापसी करवा रही है।

जीएसटी एवं कस्टम्स निरीक्षकों ने संघ के माध्यम से अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण जैसी संवर्ग कल्याणकारी योजना पुन: चालू करने की गुहार लगायी है। केन्द्रीय जीएसटी एवं कस्टम्स विभाग में निरीक्षकों के लिए अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण (आईसीटी) की सुविधा कुछ समय पहले बंद कर दी गयी थी, जबकि विभाग के अन्य सभी संवर्गों को ये सुविधा अभी भी दी जा रही है।

ज्ञात हो कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय, भारत सरकार, ने कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर सभी केन्द्र सरकार के विभागों को कई कल्याणकारी जीओ जारी किये गए हैं जो पति और पत्नी की एक स्थान पर तैनाती, ऐसे कर्मचारी जिनके बच्चे मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हैं तथा ऐसे कर्मचारी जो स्वयं दिव्यांग हैं, के लिए उनकी इच्छानुकूल तैनाती आदि का निर्देश देते हैं। एक अन्य जीओ में कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय द्वारा सभी सरकारी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के स्थानांतरण का आवेदन तुरंत उनके इच्छित स्थान के लिए फॉरवर्ड किया जाये तथा जनहित के किसी भी बाध्यकारी आधार के बिना न रोका जाये, और यदि रोका जाता है तो उन कारणों को एक माह के अन्दर लिखित में दर्ज करके संबंधित मंत्रालय को सूचित किया जाये। परन्तु, इस विभाग में भारत सरकार के भी इन सभी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है।

विभाग में बहुत सारे निरीक्षक ऐसे भी हैं जो अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण (आईसीटी) बंद होने के कारण कई वर्षों से अपने जीवनसाथी से अलग रहने पर मजबूर हैं। कई निरीक्षक अपने बूढ़े और कैंसर, टीबी जैसे घातक रोगों से पीडि़त माता-पिता की एकल संतान है और उनसे दूर रहने के लिए बाध्य हैं। कुछ निरीक्षक ऐसे भी हैं जिनके बच्चे मानसिक या शारीरिक रूप से अक्षम हैं, कुछ निरीक्षक तो स्वयं दिव्यांग हैं और कुछ घातक रोगों से पीडि़त हैं, परन्तु विभाग इनको भी गृह राज्य में तैनाती नहीं देता। गृह राज्य से सैकड़ों किलोमीटर दूर तैनात होने के कारण अविवाहित महिला निरीक्षकों के विवाह की परेशानी घरवालों को बेहाल किये है।

अखिल भारतीय केन्द्रीय जीएसटी निरीक्षक संघ के महासचिव अनुभूति चटर्जी एवं अध्यक्ष अखिल सोनी ने विभाग के सीबीआईसी बोर्ड, नई दिल्ली को लिखे गए एक पत्र के माध्यम से यह बताया कि विभाग में अपने गृह राज्य से बाहर तैनात निरीक्षक अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण बंद होने के कारण पहले से ही मानसिक तनाव में थे, परन्तु अब कोरोना काल में उनके मानसिक स्वास्थ्य में कई गुना गिरावट आने लगी है, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है और परिणाम स्वरुप कर संग्रह पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। आईसीटी लम्बे समय से इस विभाग की सुस्थापित संवर्ग कल्याणकारी योजना रही है और विभाग के अन्य सभी संवर्गों के लिए ये अभी भी चालू है परन्तु केवल निरीक्षक वर्ग के लिए अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है जिससे निरीक्षक वर्ग स्वयं को उत्पीडि़त महसूस करते हैं।

अखिल भारतीय केन्द्रीय जीएसटी निरीक्षक संघ ने विभाग में निरीक्षक वर्ग के लिए अंतर आयुक्तालय स्थानांतरण को पुन: चालू करने की मांग की है। संघ की स्थानीय लखनऊ इकाई के महासचिव अभिजात श्रीवास्तव ने इस मांग का समर्थन किया है। संघ की चेन्नई इकाई के महासचिव मनोज कुमार यादव, उड़ीसा इकाई के महासचिव चिरंतन राय, पुणे इकाई के महासचिव सुशांत त्यागी, सूरत-दमन इकाई के महासचिव नवीन पंडित तथा जबलपुर इकाई के अध्यक्ष अंशु शर्मा आदि ने भी संघ की इस न्यायोचित मांग का समर्थन किया है।

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