- कंस्ट्रक्शन के काम की मिल सकती है इजाजत
- मॉल, मल्टीप्लेक्स, सिनेमाघर और शादी विवाह स्थल रहेंगे बंद
- रेस्टोरेंट और होटल खोलने की अनुमति देने पर विचार
- एक जिले से दूसरे जिले में परिवहन की मिल सकती है मंजूरी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भी लॉकडाउन 4.0 को लेकर दूसरे राज्यों की तरह अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजेगा, लेकिन इस बार लॉकडाउन काफी बदला होगा। सूत्रों के मुताबिक जिस तरीके से लॉकडाउन के दौरान ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में छूट मिली हुई है, उसी तरह की छूट लॉकडाउन 4.0 में पूरे प्रदेश में दी जाएगी। हालांकि, हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट इलाकों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा और कोई छूट नहीं दी जाएगी।
अभी रेड जोन को छोडक़र ऑरेंज और ग्रीन जोन में सभी आर्थिक गतिविधियों की छूट मिली हुई है। ज्यादातर दुकानें खुली हैं और बिजनेस सोशल डिस्टेंसिंग के साथ चल रहे हैं। लॉकडाउन 4.0 में पूरे प्रदेश के लिए ऐसा नियम लागू हो सकता है। सरकार की तरफ से जो तैयारी है, उसके मुताबिक लॉकडाउन 4.0 के दौरान हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट इलाके को छोडक़र बाकी सभी इलाकों में कारखानों और फैक्ट्रियों को चलाने की इजाजत मिल सकती है।
इसके साथ ही सभी तरह के कंस्ट्रक्शन के काम की इजाजत दी जा सकती है और बाजार व दुकानें खुल सकती हैं, लेकिन सोशल गैदरिंग पर मनाही होगी। मॉल, मल्टीप्लेक्स, सिनेमाघर, स्पोट्र्स कंपलेक्स, शादी विवाह स्थल और ऑडिटोरियम जैसे सार्वजनिक स्थल बंद रहेंगे। माना जा रहा है कि लॉकडाउन 4.0 के दौरान सैलून और ब्यूटी पार्लर खोलने की इजाजत दी जा सकती है। रेस्टोरेंट और होटल को खोलने की इजाजत देने पर भी विचार चल रहा है। ऑरेंज और ग्रीन जोन में केन्द्र सरकार के द्वारा तय मापदंडों को छोडक़र ज्यादातर प्रतिष्ठान खुले हैं। जो बंद है, उनमें स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, होटल, मॉल, मल्टीप्लेक्स और सोशल गैदरिंग वाले अन्य स्थल हैं।
लॉकडाउन 3.0 के दौरान ग्रीन जोन, ऑरेंज जोन और रेड जोन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट लगभग बंद है। ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन में जिले के भीतर परिवहन की इजाजत है, लेकिन अंतर जिला परिवहन प्रतिबंधित है यानी एक जिले से दूसरे जिले में जाने पर पाबंदी है। लॉकडाउन 4.0 में कुछ शर्तों के साथ अंतर जिला परिवहन को छूट दी जा सकती है। सबसे बड़ा फैसला यह हो सकता है कि लॉकडाउन 4.0 में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन की इजाजत दे दी जाए। कंस्ट्रक्शन की इजाजत देने के पीछे की वजह यह भी है कि इसकी वजह से मजदूरों का पलायन रोका जा सकता है। लखनऊ से अकेले हजारों की तादाद में छत्तीसगढ़ के मजदूर अपने घरों को वापस जा रहे हैं और इसकी वजह सिर्फ एक है कि कंस्ट्रक्शन का काम बंद है। बड़े शहरों में कंस्ट्रक्शन कामों में लगे ज्यादातर मजदूर छत्तीसगढ़ के हैं। सरकार यह भी विचार कर रही है कि अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी तरह के कारखाने को चलाने की छूट दी जाए।