Breaking News
Home / उत्तर प्रदेश / इंडिया इकनोमिक डायरी : भारतीय अर्थव्यवथा का बारीक अध्ययन

इंडिया इकनोमिक डायरी : भारतीय अर्थव्यवथा का बारीक अध्ययन

भारतीय अर्थव्यवथा का बारीक अध्ययन : इंडिया इकनोमिक डायरी

B1EEBA13-936B-4B0D-9625-A07A647926FB
सीए पंकज जायसवाल

प्रस्तुत पुस्तक इंडिया इकनोमिक डायरी आॢथक विषयों के विशेषज्ञ और कालान्तार में भारतीय अर्थव्यवथा का बारीकी से अध्ययन करने वाले सीए पंकज जायसवाल की लेखन यात्रा के विभिन्न आयामों और समय-समय पर लिखे गये ब्लाग एवं देश के शीर्ष समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों का संग्रह है। विख्यात अर्थशास्त्री तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अब तक के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न विषयों पर तथ्यसहित कई लेख मिलेंगे, जो तर्कसंगत हैं।

लेखक ने इन दोनों ही कालखण्डों में विभिन्न विषयों पर समभाव से तथ्यपरक लेखन कार्य किया है। समग्र भाव से लेखक का मानना है अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों से अलग भारत की अर्थव्यवस्था के सम्बन्ध में मनमोहन सिंह द्वारा उठाये गए कदम महत्वपूर्ण और मील के पत्थर साबित हुये, उनके बाद आये नरेन्द्र मोदी ने क्रांतिकारी सुधारात्मक कदम उठाये जिसके संबंध में कोई सोच नहीं सकता। सदिच्छा और दूरगामी परिणाम को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाये गए कदम की मीमांसा आगे आने वाला भविष्य इतिहास के रूप में करेगा, लेकिन जो साहसिक कदम नोटबंदी, जीएसटी, डिफेंस में मेक इन इंडिया और बहुत सारे कानूनों के निरस्तीकरण के साथ उन्होंने उठाया है वह एक साहसिक व्यक्तित्व का काम है।

वर्तमान में विद्वान इनके समर्थन और विरोध में लिख रहें हैं किन्तु विपक्ष में लिखने वाले लेखकों ने ना तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथpankaj ji न्याय किया और ना वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ कर रहे हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जो बात कही वह इनके अलावा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी लागू होती है, इन दोनों का मूल्यांकन आगे आने वाली सदियां करेंगी।

यह पुस्तक तत्कालीन घटनाओं पर प्रतिक्रियास्वरूप लिखी गई लेखों का संग्रह स्वतंत्र आॢथक चिंतन एवं लेखन है। विभिन्न समय पर देश के प्रतिष्ठिïत समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों पर प्राप्त प्रतिक्रियाओं को याद करते हुये लेखक बताते हैं कि लेख प्रकाशित होने के दौरान जब कभी एक पक्ष की समालोचना होती थी, तो वह पक्ष बोलता था की लगता है दूसरे तरफ वाले हो और ठीक इसी तरह जब दूसरे पक्ष की बात होती थी तो वह भी ऐसा ही बोलता था। बस, इन्हीं दोनों धाराओं के बीच रास्ता बनाते हुए सच लिखता चला गया। हां, कोशिश यही रही की समालोचना और रचनात्मक टिप्पणी ही करूं। पाठक भी इसे ऐसे ही लें और कहीं किसी के खिलाफ कुछ लगे, तो उसे मेरे व्यंग्य शैली का हिस्सा माने… इससे ज्यादा कुछ नहीं।

इंडिया इकनोमिक डायरी पुस्तक में लेखक के आॢथक विषयों से संबंधित प्रमुख 100 लेखों का संग्रह बनाया गया है। प्रकाशकों की योजना इस पुस्तक को तीन भागों में प्रकाशित करने की है। प्रस्तुत पुस्तक भाग प्रथम है और आशा है कि यह पुस्तक पाठकों को भारत के अर्थ दर्शन और करीब से समझने में पूर्ण सहायता करेगी और स्वतंत्र दृष्टि से पाठक प्रमुख भारतीय आॢथक घटनाओं की विवेचना कर पाएंगे।

About Editor

Check Also

vinay

सपा के प्रदेश सचिव बनें विनय श्रीवास्तव

बिजनेस लिंक ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <strike> <strong>