- प्रमुख सचिव ने उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक प्रबंधकों के साथ की बैठक
- मुख्यालय के अफसरों को फील्ड में भेजने के निर्देश कप्रमुख सचिव ने एलडीबी प्रबंधकों के साथ की बैठक
- मुख्यालय के अफसरों को फील्ड में भेजने के निर्देश
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में पिछले साल हुए अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों की जांच शुरू हो गई है। प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामी रेड्डी ने उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक की समीक्षा के दौरान उन शाखा प्रबंधकों को 31 दिसंबर तक वसूली का बैकलॉग पूरा करने के निर्देश दिए, जिनकी वसूली लक्ष्य से काफी पीछे हैं। चेतावनी दी कि अगर निर्धारित अवधि तक वसूली का बैकलॉग पूरा न हुआ, तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रमुख सचिव ने मुख्यालय सहित जिला मुख्यालयों पर स्थित सहकारी ग्राम विकास बैंकों के प्रबंधकों के साथ मंडल स्तर पर तीन उन बैंक प्रबंधकों को बैठक में बुलाया था, जिनकी वसूली सबसे कम थी। बैठक में बैंक के सभी क्षेत्रीय परिवेक्षकों को भी बुलाया गया था। प्रमुख सचिव ने बैंक शाखाओं की वसूली, लोनिंग और एनपीए खातों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने नाबार्ड की साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की देनदारी और उसे चुकता करने को लेकर किए जा रहे प्रयासों को लेकर अधिकारियों से चर्चा की।
प्रमुख सचिव ने बैंकों में वसूली का टारगेट तय करते हुए बैंक के प्रबंध निदेशक केपी सिंह को निर्देश दिए कि मुख्यालय में तैनात अफसरों को डिवीजन आवंटित किए जाएं और अधिकारी अपनी डिवीजनों में जाकर वसूली और कर्ज वितरण का काम देखें। साथ ही मुख्यालय पर स्वीकृत पदों की अपेक्षा प्रबंधकों की अधिक तैनाती पर नाराजगी जताई। उन्होंने एमडी को निर्देश दिए कि स्वीकृत पदों से जो भी प्रबंधक मुख्यालय में ज्यादा हैं, उन्हें तत्काल फील्ड में भेजा जाए। बैठक में अपर निबंधक बैंकिंग के साथ विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।