इम्फाल। मणिपुर के बिसेनपुर जिले की 27 वर्षीय एक महिला अन्वेषक ने कमल के डंठल से धागा और कपड़ा बनाया है और अब उसी पौधे के डंठल से मास्क बनाने का अनोखा काम कर रही है। राज्य की प्रसिद्ध लोकतक झील के पास थंगा टोंगब्रम इलाके की निवासी टोंगब्रम बिजयशांति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वह 15 महिलाओं के साथ इस परियोजना में शामिल हैं और 20 और महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही हैं।
लोकतक झील में बड़ी संख्या में कमल के फूल उगते हैं। बिजयशांति ने कहा कि उसने 2018-19 में अपने कारोबार को शुरु करने के लिए कमल के तने से धागा और कपड़ा बनाया। उसके उत्पाद को गुजरात प्रयोगशाला में भेजा गया जिसने इसके लिए हरी झंडी दे दी। वनस्पति विज्ञान में स्नातक शांति ने कहा, ‘‘मैंने ज्यादातर इंटरनेट से ही उत्पादन पद्धति के बारे में जाना और मेरे एक शिक्षक ने मुझसे इसे जीविका का स्रोत बनाने के लिए कहा तो 2017-18 में यह काम शुरु कर दिया।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रडियो कार्यक्रम में बिजयशांति के प्रयासों की सराहना की। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ट्वीट कर बिजयशांति के डंठल से धागा और कपड़ा बनाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने ट्वीट किया, “मन की बात में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमल की डंठल से धागा बनाने वाली मणिपुर की बिजयशांति की सराहना की। उनके प्रयासों ने कमल की खेती और वस्त्र उद्योग के नए आयाम खोल दिए हैं।” कमल के डंठल से बने कपड़ों की विदेशों में बहुत मांग है।
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