लखनऊ। युवा एवं उद्यमी अपना डिप्रेशन अपने मेहनत को दुगुना कर भगा सकते हैं, काम की थकान उन्हें अच्छी नींद और और दोगुनी मेहनत की दुगुनी कमाई उन्हें पुन: ऊर्जावान बनाएगी। यह कहना है जापान में गोरखपुर के भारतीय मूल के उद्यमी गणेश यादव का और मौका था स्माल इंडस्ट्रीज एंड मैन्युफैक्चररस एसोसिएशन (सीमा) एवं जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित वेबिनार विदेशों में भारतीयों के सफलता की गाथा में बतौर मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में बोलने का।
गणेश जो की जापान में 18 एकड़ में बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना चलाते हैं, कई देशों में कंस्ट्रक्शन मशीनरी का एक्सपोर्ट करते हैं, और इनके पांच इंडियन रेस्टोरेंट हैं, ने बताया की सिर्फ 10 वीं तक पढ़ाई कर वह जापान आ गए थे और अपनी लगन और मेहनत से ही उन्होंने सब हासिल किया। मैनेजमेंट के बच्चों से संवाद में उन्होंने बोला की मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, अगर आप अपना बिजनेस करना चाहते हैं तो वह बिजनेस आपको खुद कर सीखना चाहिए. अपने अनुभव शेयर करते हुए उन्होंने बताया की जापान में उन्होंने अपने कारखाने में स्टाफ से पहले पहुँच कर उनके कार्य करने हेतु कई सारा माहौल पहले से बना देते थे जिस कारण समान संसाधन पर उनका उत्पादन पांच गुना हो गया।
भारत और जापान की कार्य संस्कृति की तुलना कर उन्होंने बताया की भारत में लोग और रिश्तेदार अपने लोगों के पास यदि ज्यादे मेहनत और काम है तो कम मेहनत वाली जगह की इच्छा रखते हैं जबकि जापान में ऐसे लोगों को आप भाग्यशाली हैं ऐसे बोला जाता है, यदि भारत में लोग खुद अपने से अपनी कार्य संस्कृति सुधार लें तो पूरी दुनिया में भारत को कोई बिजनेस में पीछे नहीं कर सकता है। इस संवाद में उन्होंने छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए कई सारे गुर बताये। काला नमक चावल के जापान में उत्पादन योजना के बारे में उन्होंने बताया कि अभी तो इसे तीन एकड़ में बोया है इसकी सफलता टेस्टिंग के बाद इसे 100 एकड़ में जापान में बोने की योजना है।
गणेश यादव को जापान से इस कार्यक्रम में जोडऩे और संयोजन का कार्य सीमा के मुख्य आर्थिक सलाहकार सीए पंकज जायसवाल और हीरालाल यादव ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अलोक रंजन ने की। संचालन डॉ रीना अग्रवाल सेंटर फॉर एमएसएमई रिसर्च, जयपुरिया इंस्टिट्यूट एवं हरजिंदर सिंह का था। कार्यक्रम को डॉ. दीपक सिंह और टिफिन उद्यम में कई शहरों में अपने स्टार्ट अप वेंचर टिफिलो से सफलता प्राप्त करने वाले उभरते उद्यमी सूरज और जापान से गणेश के अलावा विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. अस्मा सुल्ताना एवं डॉ. रणदीप रकवाल ने भी संबोधित किया।