- दयाल पैराडाइज के राजीव सिंह ने छात्रों से कहा, ये मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रहा है
- बोला बिल्डर… खाली करो हॉस्टल… नहीं तो चौथे दिन गिरवा दूंगा कमरे….और गिरवा भी दिये
- बड़ा सवाल, भूमाफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के लिए क्या सरकार ने दयाल पैराडाइज के राजीव को किया है अधिकृत?
शैलेन्द्र यादव
लखनऊ। शासन-प्रशासन एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशानुरूप भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहा है। वहीं दूसरी ओर राजधानी के एसएसपी कार्यालय के निकट स्थित कायस्थ छात्रावास की बेशकीमती जमीन पर कब्जा करने के लिए एक बिल्डर मुख्यमंत्री का नाम खुलेआम बदनाम कर रहा है। यह बिल्डर है दयाल पैराडाइज का राजीव सिंह। बीते दिनों छात्रावास से छात्रों को बाहर निकालने के लिए यह बिल्डर अपने गुर्गों के साथ हास्टल पहुंचा और छात्रों को अर्दब में लेते हुए कहा, तुम्हें जहां आना-जाना हो आओ-जाओ, पर होगा कुछ नहीं… क्योंकि यह मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रहा है। जिला और पुलिस प्रशासन इस बिल्डर के समक्ष नतमस्तक है और मुख्यमंत्री की बदनामी में बराबर का साझेदार भी।
बीते दिनों सिटी मजिस्ट्रेट ने छात्रावास से संबंधित दोनों समितियों का पक्ष सुनने के बाद आगामी एक माह में सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। लेकिन, इस दौरान छात्रावास की जमीन पर बने 10 कमरे तोड़े जा रहे हैं। संबंधित थाना वजीरगंज पुलिस और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। बता दें कि राजधानी के नवीउल्ला रोड स्थित कायस्थ छात्रावास की अरबों की जमीन पर भू-माफिया जब टीनशेड लगाकर अवैध कब्जा कर रहे थे, उस दौरान मौके पर मौजूद मित्र पुलिस के सिपहसलार मजदूरों को जल्द काम निपटाने का निर्देश दे रहे थे। देखते ही देखते एसएसपी कार्यालय के निकट स्थित छात्रावास की जमीन पर रीवर बैंक चौकी प्रभारी की मौजूदगी में टीनशेड की चाहरदीवारी बनाकर अवैध कब्जा कर लिया गया और अब उस टीनशेड के पीछे चाहरदीवारी का निर्माण भी गुपचुप कराया जा रहा है और पुलिस प्रशासन तमाशा देख रहा है।
जानकारों की मानें तो कायस्थ छात्रावास की अरबों की जमीन पर दो समितियां अपना दावा कर रही हैं। इन दोनों ही समितियों में दयाल पैराडाइज के राजीव सिंह न पदाधिकारी है और न ही सदस्य। फिर भी छात्रावास की जमीन पर कब्जे को लेकर पर्दे के पीछे से मुख्य भूमिका में है। छात्रों की मानें तो कानून-व्यवस्था को अपनी जेब में रखने का दावा करने वाला बिल्डर राजीव सिंह बीते दिनों छात्रावास आया था और छात्रों को खुलेआम धमकी भी दी थी। यह सिलसिला अब तक जारी है। कायस्थ छात्रावास में रहने वाले छात्रों द्वारा उपलब्ध कराई गई ऑडियो क्लिप में राजीव सिंह अपनी ऊंची पहुंच का गुणगान और पूर्व में पुलिस के सामने गोली चलाने का जिक्र करते हुए सुना जा सकता है। साथ ही वह कह रहा है कि तुम लोगों को डीएम-एसएसपी-थाना आदि जिसके पास जाना है, जाओ। पर, होगा कुछ नहीं। क्योंकि यह मुख्यमंत्री के निर्देश पर हो रहा है? कहना गलत न होगा कि यह मामला सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि से जुड़ा है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्रशासन छात्रों के बीच मुख्यमंत्री को बदनाम करने वाले मनबढ़ बिल्डर पर लगाम लगायेगा या फिर थाना पुलिस यूं ही बचपन वाली दोस्ती निभाती रहेगी?
सडक़ों पर उतरे छात्र, किया डीएम आवास पर प्रदर्शन
न्याय की उम्मीद में बीते दिनों सडक़ों पर उतरे छात्रों ने जिलाधिकारी आवास पर नारेबाजी की। हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। शांतिपूर्वक कैंडिल मार्च भी निकाला। बावजूद इसके अभी भी छात्रावास की भूमि पर भू-माफियाओं के गुर्गों का कब्जा है। सिटी मजिस्ट्रेट ने दोनों पक्षों को एक माह में संबंधित सभी पेपर उपलब्ध कराने का समय दिया है। पर, छात्रावास की जमीन पर किये गये अस्थाई कब्जे के पीछे स्थाई निर्माण जारी है।
कायस्थ छात्रावास में जो छात्र रह रहे हैं वह लगत तरीके से रह रहे हैं। छात्रावास का न बिजली का बिल जमा हो रहा है और न ही गृहकर। मैं छात्रावास कभी नहीं गया, तो छात्रों को धमकाने का सवाल ही नहीं उठता। आप जिस रिकार्डिंग की बात कर रहे हैं उसमें मेरी आवाज नहीं है। छात्र झूठ बोल रहे हैं कि मैंने उन्हें धमकाया।
राजीव सिंह, बिल्डर (दयाल पैराडाइज)