- राज्य में कोरोना का जब पहला केस आया, तब थी महज एक लैब और रोजाना 50 टेस्ट करने की क्षमता
- प्रदेश में अब 30 लैबों में रोजाना हो रहे 10 हजार टेस्ट, अगले हफ्ते 15,000 करने की तैयारी
- देश में 1 लाख से ज्यादा बेड वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहां कोरोना संक्रमित के लिए सभी व्यवस्था मौजूद
- प्रदेश के सभी जनपदों में ट्रूनेट मशीन लगा रहे हैं, जिससे एक घंटे में सैंपल की रिपोर्ट आ जाएगी
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। कमोवेश सभी इसी व्यवस्था में उत्तर प्रदेश सरकार भी लगी हुई है। मार्च में जब पहला मामला आया, तब कोरोना की जांच आदि के संसाधन नहीं थे। केजीएमयू में लैब थी, वहां 50 टेस्ट करने की क्षमता थी। पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संजीदा प्रयासों से आज प्रदेश में 30 लैब हैं, जहां प्रतिदिन 10 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं। इसे अगले सप्ताह बढ़ाकर 15,000 करने की योजना है। इतना ही नहीं इसे जून के अंत तक बढ़ाकर 20,000 टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया, प्रदेश में त्रिस्तरीय अस्पताल के तहत लेवल-1, 2 व 3 के अस्पतालों में 1,01,236 बेड की व्यवस्था है। अब तक पूरे प्रदेश में 3 लाख 15 हजार कोरोना के टेस्ट हो चुके हैं। पूरे देश में उत्तर प्रदेश कोरोना को नियंत्रित करने में सबसे बेहतर काम कर रहा है। उन्होंने बताया, लाकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली और हरियाणा से पलायन कर रहे श्रमिक और कामगार थे। जो उत्तर प्रदेश और बिहार के थे। हमने 24 घंटे के अंदर इस समस्या का समाधान किया। इसके बाद हमारे लिए तब्लीगी जमात चुनौती बनकर सामने आए। इनसे संक्रमण न फैलने पाए, इसके लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करवा कर उनका उपचार करवाया गया। लाकडाउन में हमने कोटा से बच्चों को नि:शुल्क और सुरक्षित घर पहुंचाया। लाकडाउन के दौरान प्रदेश में 119 चीनी मिलों में पेराई जारी रही, 12,000 ईंट भट्टे चले और 2500 कोल्ड स्टोरेज पर काम जारी रहा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लाकडाउन के दूसरे चरण में आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ किया गया। 850 इंडस्ट्री में काम शुरू हुआ, इसमें 65,000 वर्करों ने काम प्रारंभ किया। एमएसएमई की 3.25 लाख यूनिट शुरू हुई, जहां 25.50 लाख से अधिक कामगार काम शुरू किया। इसी तरह सूक्ष्म श्रेणी के 80,000 से अधिक उद्यम में 2.50 लाख से ज्यादा कामगारों और श्रमिकों ने काम शुरू किया। मनरेगा में 40 लाख से ज्यादा श्रमिक काम कर रहे हैं। सरकार अपने संसाधनों और खर्चे से बाहरी राज्यों से अब तक 32 लाख से ज्यादा कामगार और श्रमिक को वापस लेकर आई है। सरकार ने होम क्वारंटीन किए गए प्रत्येक श्रमिक और कामगार को राशन किट के साथ साथ भरण-पोषण के लिए एक-एक हजार रुपए भत्ता भी दिया। इसी तरह विश्वकर्मा श्रम सम्मान वाले 16 श्रेणियों के साथ-साथ निराश्रितों को सरकार की तरफ से मुफ्त राशन और एक हजार रुपए का भरण पोषण भत्ता मुहैया करवाया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाहरी राज्यों से वापस आए कामगारों और श्रमिकों की स्क्रीनिंग के लिए एक लाख टीम कार्य कर रही है, जिन्होंने अब तक 4.85 करोड़ से अधिक मेडिकल स्क्रीनिंग की है। इसके अलावा शहरों व गांवों में निगरानी समितियां कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर से सैंपल की रिपोर्ट आते-आते 12 घंटे लग जाते थे। जिससे सरकार ने ट्रूनेट मशीन मंगवाई। ट्रूनेट मशीन से एक घंटे में सैंपल की रिपोर्ट आ जाती है। इस मशीन को नान कोविड अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं के लिए लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया, प्रदेश सरकार की पहले से तैयारी और बेहतर व्यवस्था का परिणाम रहा है कि अभी तक प्रदेश में 3231 एक्टिव केस हैं, जबकि 5000 से ज्यादा लोग कोरोना को हराकर घर वापस पहुंच चुके हैं। सरकार ने हर स्टेशन पर मेडिकल और प्रशासनिक टीम की तैनाती की है। बाहर से जो भी लोग आएंगे, उन्हें 14 दिन के होम क्वारंटीन में रहना होगा। 6 दिन में सैंपल जांच होगी। अगर कोई पाजीटिव निकला तो उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।