मुख्यमंत्री योगी ने 10 लाख 48 हजार 166 श्रमिकों के खातों में एक हजार रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से भेजी
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से शासन की गरीब कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने का किया गया कार्य
श्रमिकों व कामगारों के हितों के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में आने वाले श्रमिकों व कामगारों को एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता उपलब्ध कराने का जो कार्य हुआ है, यह शासन के लोक कल्याणकारी कार्यक्रम को एक नई दिशा देता है। इन सभी मजदूरों व कामगारों की राष्ट्र के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका है। अपने श्रम से इन्होंने समाज के सामने बहुत अच्छी मिसाल पेश की है।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर 10 लाख 48 हजार 166 श्रमिक परिवारों के खातों में एक हजार रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से भेजी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आए मजदूरों और कामगारों को सुरक्षित क्वारंटाइन केंद्रों में लाया गया, जहां उनके लिए भोजन व पानी के साथ-साथ मेडिकल स्क्रीनिंग की भी व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 35 लाख प्रवासी श्रमिक व कामागारों को विषम परिस्थितियों में घर वापस आना पड़ा है। पहले चरण में उनके लिए 15 दिन के राशन किट की व्यवस्था की गई। उन्हें परिवहन विभाग के 12 हजार से अधिक बसों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब टीम वर्क के रूप में काम होता है तो पूरा सिस्टम उसके साथ जुड़ता है जिसके परिणाम सबको देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रतिबद्धता के साथ सभी विभागों ने संक्रमण के दौरान कार्य किया, वह देश के लिए एक उदाहरण है। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट में जब इसकी सुनवाई चल रही है तो जिस राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा दायित्व है कि प्रदेश में आने वाले कामगार व श्रमिकों को रोजगार के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि पहले राजस्व विभाग ने इनकी स्किल मैपिंग का कार्य किया और फिर वित्त विभाग ने बैंकों के साथ बैठक करते हुए इनके रोजगार और स्वावलम्बन के लिए कार्ययोजनाएं तैयार की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के माध्यम से शासन की गरीब कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों तक पहुंचाने का कार्य किया गया है। प्रदेश में 5 बार हर गरीब को खाद्यान्न पहुंचाने का कार्य हुआ है और छठी बार इस कार्य को आगे बढ़ाने की कार्रवाई चल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को कोरोना हुआ है तो वह बीमारी को छिपाने के बजाय सामने आए। प्रदेश में जांच और इलाज की व्यवस्था निःशुल्क है। प्रदेश में एक लाख से अधिक बेड हमारे पास उपलब्ध हैं। जिनमें मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों व कामगारों के हितों के लिए प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्हें सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा की गारंटी भी सरकार देगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन शुरु होने के साथ ही कम्युनिटी किचन के माध्यम से प्रतिदिन 12 से 15 लाख लोगों तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था और डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से घर-घर आवश्यक सामग्री पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से की बातचीत
इससे पहले मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, गोंडा, सिद्धार्थनगर और आजमगढ़ के लाभार्थियों से बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने झांसी और सिद्धार्थनगर के लाभार्थी को सिलाई मशीन उपलब्ध कराए जाने के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिया। जिस पर दोनों ही लाभार्थियों ने अपने ही गांव में सिलाई का काम करने का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा।
श्रमिकों व कामगारों के हित में उठाए गए कदम
• 1643 ट्रेनों और परिवहन विभाग की 12 हजार बसों के माध्यम से 35 लाख श्रमिकों व कामगारों की प्रदेश में वापसी कराई गई।
• 14.6 करोड़ लोगों को 5 बार में कुल 36.40 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया।
• 33 लाख 63 हजार दिहाड़ी मजदूरों व श्रमिकों को एक हजार रुपये भरण पोषण के लिए 336 करोड़ 23 लाख वितरित किए गए।
• कम्युनिटी किचन के माध्यम से 6 करोड़ 50 लाख से अधिक फूड पैकेट्स का वितरण किया गया।
• मनरेगा में अब तक 43 लाख श्रमिकों को रोजगार, एक करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य रखा गया है।
• स्किल मैपिंग के माध्यम से श्रमिकों व कामगारों को रोजगार की व्यवस्था की गई।
• कामगार व श्रमिक (सेवायोजना एवं रोजगार) कल्याण आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया।
• वृहद एवं एमएसएमई इकाइयों में 40 लाख 41 हजार लोगों को रोजगार की व्यवस्था की गई।