- हर जिले मेंमें 200 वाहनों का बेड़ा तैयार करने का निर्देश
- 1 मार्च से अब तक 16.50 लाख दूसरे प्रदेशों से उप्र में आये
- दिल्ली से अब हर दिन 11 ट्रेनों को चलाने पर बनी सहमति
- 522 ट्रेनों से अबतक 6 लाख 65 हजार 369 लोगों की हुई वापसी
- कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने लोकभवन में की प्रेस कॉन्फ्रेंस
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार सभी प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने प्रवासियों व कामगारों की सहायता के लिए सभी जिलों में 200 अतिरिक्त बसों को तैनात करने का निर्देश दिया है। यह भी निर्देश दिया है कि अगर वाहनों की कमी हो तो इनको किराए पर लें। सीएम योगी ने कहा कि यूपी सरकार बड़ी संख्या में ट्रेनों का भी संचालन करा रही है। पिछले कई दिनों से हर रोज 10 हजार से अधिक बसों के जरिए पूरी सुरक्षा, सम्मान और निशुल्क प्रवासी लोगों को लाया जा रहा है। ऐसे में पैदल व असुरक्षित यात्रा का कोई कारण नहीं है। सीएम योगी ने यूपी के बार्डर पर आए लोगों को राहत देते हुए सभी को व्यवस्थित और सुरक्षित ढ़ंग से होम क्वारंटीन तक पहुंचाने का आदेश दे दिया है।
उक्त जानकारी रविवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी। अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि रविवार की सुबह 10 बजे टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश, प्रदेश के सभी बार्डर, सभी जनपदों की विस्तार से समीक्षा की। जिसमें उन्होंने निर्देश दिया है कि यूपी के बार्डर पर जमा हो रही भारी भीड़ को व्यवस्थित किया जाए। सबके लिए भोजन पानी उपलब्ध हो, साथ ही ट्रेनों व बसों के माध्यम से सभी को होम क्वारंटीन तक सुरक्षित पहुंचा दिया जाए। उन्होंने बताया कि सीएम ने निर्देश दिया कि हर जिले में 200 अतिरिक्त बसों का बंदोबस्त करें। इसके लिए निजी बसों को भी अधिग्रहित करें।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के लिए लगातार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। अब तक विभिन्न राज्यों से 522 ट्रेनों के जरिए 6 लाख 65 हजार 369 श्रमिकों व कामगारों की वापसी हुई है। प्रदेश में अब 48 स्टेशनों को इन ट्रेनों के आगमन के लिए सुनिश्चित कर लिया गया है। दिल्ली से 11 ट्रेनों को रोज चलाने की सहमति बन गई है। 250 और अतिरिक्त ट्रेनों को चलाकर लोगों को लाने की सहमति बनी है। रविवार को भी 2 बजे तक 87 ट्रेन आ गई थीं।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा रेलवे को 2 करोड़ का भुगतान पूर्व में ही कर दिया गया था। 6 करोड़ रूपये का और भुगतान किया जा रहा है। प्रदेश में मेमू ट्रेन चलाने की बात रेलवे मंत्रालय से की जा रही है। जल्द ही इसके लिए भी सहमति बन जाएगी। जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी। 1 मार्च से 30 अप्रैल तक 6 लाख 50 हजार लोगों की वापसी यूपी में हुई है। इसके अलावा अबतक 522 ट्रेनों से 6 लाख 65 हजार 369 बसों से करीब एक लाख से अधिक और 1 लाख 50 हजार से अधिक लोगों ने अपने निजी वाहनों से वापसी की है। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर अब तक 16 लाख 50 हजार लोगों ने यूपी का रूख किया है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि अबतक वापसी करने वालों की संख्या काफी अधिक हो गई है। जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग ने भी कोरोना संक्रमण के लिए सैंपल टेस्ट करने की अपनी क्षमता का विस्तार कर लिया है। वर्तमान में 6500 सैंपलों का टेस्ट प्रतिदिन हो रहा है। जिसे बढ़ाकर 10 हजार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर बेड्स की उपलब्धता पर कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में 1 लाख बेड्स की कार्ययोजना तैयार कर मुख्यमंत्री से रजामंदी ले ली है। दो से तीन दिनों के भीतर कोरोना संक्रमण के मरीजों के लिए प्रदेश में 1 लाख बेड्स उपलब्ध करा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सभी प्रवासी कामगारों व श्रमिकों का डाटा तैयार किया जाए। सभी की स्किलिंग क्षमता का पूरा ब्यौरा एकत्र किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए राहत पैकेज का उपयोग इसी डाटा के आधार पर करने का निर्देश सीएम योगी ने दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री के ऐलान के अगले दिन ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई सैक्टर को दो हजार करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि आवंटित कर दी। अब रहेड़ी पटरी वालों को भी राहत पैकेज के अनुसार आने वाले बुधवार तक धनराशि आवंटित कर दी जाएगी।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में बीते सोमवार से ही प्रदेश में एक्टिव केस कम है और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने का क्रम जारी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सर्विलांस में 78 हजार 526 टीम लगी रहीं। इन टीमों ने 64 लाख 36 हजार 236 घरों का सर्वेक्षण किया। साथ ही 3 करोड़ 19 लाख 38 हजार 412 लोगों की जांच भी किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में काफी संख्या में प्रवासी कामगार व श्रमिकों की वापसी हुई है। सभी को होम क्वारंटीन में 21 दिनों तक रहने के लिए कहा गया है। होम क्वारंटीन में रहने वालों की जांच गांव निगरानी व मोहल्ला निगरानी समिति द्वारा की जा रही है। अब इसी कड़ी को और मजबूत करते हुए आशा वर्करों को भी होम क्वारंटीन में रहने वाले लोगों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि आशा वर्करों द्वारा अबतक 3 लाख 72 हजार लोगों की जांच की गई है। जांच के दौरान 414 लोगों के अंदर सर्दी, जुखाम, बुखार आदि का लक्षण पाया गया। ऐसे लोगों की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई कर रहा है