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योगी कर रहे मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने काे साकार

लोगों को आत्मिनिर्भर बनाने का प्रभावी जरिया बना एमएसएमई सेक्टर
90 से कम दिनों में विभाग ने मुहैया कराया 731000 इकाईयों को ऋण
वित्तीय और अन्य मदद मिलने से 17 लाख से अधिक को मिला रोजगार
गिरीश पांडेय
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है हर संकट साथ में अवसर भी लाता है। वैश्विक महामारी कोरोना भी इसका अपवाद नहीं। ऐसे में कोरोना के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र द्वारा उपलब्ध कराए गये आत्मिनर्भर भारत पैकेज के तहत वह प्रदेश के अधिकतम लोगों को रोजगार मुहैया कराना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कम पूंजी, कम जोखिम और न्यूनतम आधारभूत संरंचना में सर्वािधक रोजगार मुहैया कराने वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एमएसएमई को प्रभावी हथियार बनाया है।
नतीजे भी सामने हैं। उनके निर्देश, विभाग की पहल और बैंकर्स के सहयोग से 90 से कम दिनों -14 मई से सात अगस्त 2020 में सात लाख 31 हजार पुरानी और नई एमएसएमई इकाईयों को उनकी जरूरत के अनुसार 21 हजार करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। इससे 17 लाख लोगों को रोजगार का अवसर ििमिला। इसमें से 13 लाख रोजगार के मौके तो सिर्फ नई इकाईयों में सृजित हुए।
मालूम हो कि मई में जैसे ही प्रधानमंत्री ने आत्म निर्भर भारत पैकेज की घोषणा की उसके तुरंत बाद ही योगी सरकार प्रदेश के व्यापक हित मेंइसका अधिकतम लाभ लेने के लिए सक्रिय हो गई। इस क्रम में पैकेज की घोषणा के महज 24 घंटे के भीतर ही लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पांच कालिदास पर पहला मेगा ऑनलाइन लोन मेला आयोिजत हुआ। इसमें 57 हजार इकाईयों को 2002 करोड़ रुपये का ऋण बांटा गया।  23 जून को वहीं पर आयोजित दूसरे ऑनलाइन लाेन मेले में प्रधानमंत्री की ओर से एक लाख 35 हजार इकाईयों को 45 हजार के ऋण बांटे मंजूर किये गये। सात अगस्त को वैसे ही आयोजन में  129753 इकाईयों को 4661 करोड रुपये के ऋण बांटे या मंजूर किए जा चुके हैं।
सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में अधिक से एमएएसएमई इकाईयां लगें। ताकि इनके जरिए प्रदेश देश का मैन्यूफैक्चरिंग हब बने और लोगों को स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार भी मिले, इसके लिए फोकस नई इकाईयों पर है। ऋण पाने वाली इकाईयों में करीब 3 लाख 22 हजार नई हैं। इनको 11163 को ऋण मिल चुका है।
उनकी मंशा है कि सर्वाधिक आबादी और सर्वाधिक एमएसएमई इकाईयों के नाते आत्म निर्भर भारत पैकेज का सर्वाधिक हिस्सा भी उप्र को मिले। हमारी प्रयास भी यही है। अब तक का ऋण वितरण और इसकी वजह से बढ़े रोजगार के अवसर के रूप में नतीजे सामने हैं। इसे और बेहतर करने का क्रम जारी रहेगा।
नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई

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