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भवन सामग्री सस्ती फिर भी कम हुई डिमांड

लखनऊ। दबे पांव आई मंदी का असर घर बनाने वाले सामान मौरंग, गिट्टी, सीमेंट और सरिया पर भी पड़ा है। लोगों की खरीद क्षमता कम होने से भवन समाग्री की डिमांड बेहद कम हो गई है, जबकि इस सीजन में लोग घरों का निर्माण, फिनिशिंग आमतौर पर ज्यादा कराते हैं। बाजार में मांग न होने से करीब दो हजार ट्रक खड़े हो गए हैं। इससे ट्रकों के चालक पिछले करीब 20 दिन से घर में बैठे हैं। ट्रक मालिक भी किस्त आदि को लेकर परेशान हैं।

मांग न होने से मौरंग, गिट्टी, सीमेंट, सरिया के भाव भी कम हो गए हैं लेकिन दूसरी चीजों में महंगाई इतनी है कि आम आदमी फिलहाल घर बनवाने की सोच नहीं पा रहा है। उप्र गिट्टी मौरंग ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीप अवस्थी की माने तो पहले मौरंग और गिट्टी के भाव तेज थे। इसके चलते मांग कम थी।

अब भाव गिरने के बाद भी बाजार बैठ गया है। मांग बिल्कुल नहीं है। हालत यह है कि लोड ट्रक खड़े हैं लेकिन उन्हें लेने वाला कोई नहीं है। एसोसिएशन ने शासन से मांग है कि यूपी में कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू कराएं ताकि बाजार में कुछ सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि राजधानी के आसपास करीब १० हजार ट्रक ड्राइवर प्रतिदिन माल ढोते थे। अब यह संख्या तीन से चार हजार के आसपास ही रह गई है। बाकी चालक अपने घर चले गए।

कारोबारी परमजीत सलूजा ने बताया कि इस मौसम में घर आदि की फिनिशिंग का काम ज्यादा होता है। इसके चलते मौरंग आदि की मांग ज्यादा रहती है लेकिन इस बार स्थिति उलट है। भाव भी कम हो गए हैं लेकिन मांग नहीं निकल रही है। इसके चलते भाव और गिरावट आई है। मोटी मौरंग 5000 रुपये की सौ फीट बिक रही है।

महीन मौरंग भी 7000 से 6500 रुपये सौ फीट आ गई है। कारोबारी संजय गुप्ता ने बताया कि गिट्टी के भाव भी कम हुए हैं। 4400-4500 रुपये में बिकने वाली गिट्टी 4000-4200 रुपये में मिल रही है।

Bulding

सीमेंट कारोबारी निखिलेश दुबे ने बताया कि मौजूदा समय में सीमेंट के भाव भी कम हो गए हैं। 380 रुपये प्रति पैकेट वाली सीमेंट 365 रुपये में आ गई है।

मांग में 20 से 25 फीसदी की गिरावट आई है। सरिया और लोहा व्यापारी की माने तो सरिया की मांग इस समय 15-20 फीसदी घटी है। भाव भी इस समय सबसे कम हैं। 42-43 रुपये किलो बिकने वाली सरिया के भाव सात से आठ रुपये प्रति किलो कम हुए हैं। आमतौर पर प्रतिदिन दो से ढ़ाई हजार टन सरिया की खपत रहती है, जो गिरकर काफी कम हो गयी है।

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