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अब आसानी से मिलेगी उद्यमियों को आॢथक सहायता

  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में रोजगार की अपार सम्भावनायें
  • वर्ष 2019-20 में लागू होगी महत्वकांक्षी योजना ग्राम सम्पदा योजना 
  • इण्डिया फूड एक्सपो-2019 का शुभारम्भ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की अपार सम्भावनाये है क्योंकि उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी है, जबकि उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण मात्र चार प्रतिशत है। ये विचार उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने आईआईए के इण्डिया फूड एक्सपो-2019 के उद्घाटन अवसर पर दिये। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय फूड एक्सपो में खाद्य प्रसंस्करण से संबङ्क्षधत मशीनों, तकनीको टेस्टिंंग सुविधाओं तथा शोध संस्थाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। ये समाज के सभी वर्गों के लिये उपयोगी है। सुधीर गर्ग ने कहा कि ताईवान जैसे देश में उत्पादित खाद्य पदार्थों का 90 प्रतिशत भाग प्रसंस्कृत होता है जबकि उत्तर प्रदेश में यह क्षमता अभी मात्र चार प्रतिशत है। हमें इस क्षमता को एक वर्ष में दो गुना करने का प्रण लेना होगा। उन्होंने आईआईए से अपेक्षा की कि वह एंकर उद्यमी तैयार कर गांव में किसानों से मिलकर सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइया स्थापित कराये। उन्होंने कहा कि यदि खाद्य प्रसंस्करण का कार्य घर- घर पहुंचेगा तो प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण की क्षमता में वृद्धि होगी।
प्रमुख सचिव सुधीर गर्ग ने कहा कि आईआईए जैसे संस्थाओं को सरकार के समक्ष ऐसी नीतियां प्रस्तुत करना चाहिये जिससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिले। उद्यमियों को आर्थिक सहायता देने वाली प्रक्रिया काफी सरल कर दी है आवश्यकता है उद्यमियों को अच्छी सोच के साथ आगे बढ़कर उद्यम स्थापना करें।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए ने कहा कि आईआईए इण्डिया फूड एक्सपो आने वाले समय में वृहद स्तर पर आयोजित करने की योजना बना रहा है। इसके साथ-साथ आईआई कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए अपने हेड आफिस लखनऊ में एक सहायता केन्द्र की स्थापना भी करेगा और देश के जाने माने शोध संस्थानों के साथ अनुबन्ध कर उनके द्वारा ईजाद किये गये उत्पादों को उद्यमियों तक पहुंचायेगा।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. एसवी शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण नीति-2017 की जो घोषणा की है वह नीति देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अच्छी है। इस पॉलिसी के अन्तर्गत सूक्ष्म एवं लघु खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां पांच वर्ष की अवधि में ढाई करोड़ रुपये तक की सहायता प्राप्त कर सकती है। उत्तर प्रदेश में तीन मेगा फूड पार्क भी स्थापित किये जायेगे। जिनमें से दो पर काम प्रारम्भ हो चुका है। इन मेगा फूड पार्कों में स्थापित होने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को 10 प्रतिशत तक की आॢथक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में एक अन्य महत्वकांक्षी योजना ग्राम सम्पदा योजना को लागू करने की तैयारी भी चल रही है।

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