19 जून 2018 को चारबाग के दो होटल में लगी थी आग
अग्निकांड में महिला व एक बच्चा समेत 8 लोगों की जलकर हुई थी मौत
जांच पूरी, फिर भी अब तक होटल संचालकों को नहीं मिली सजा
अभी बिना मानकों के चल रहे नाका चारबाग के सैकड़ों होटल
लखनऊ। बीते साल 19 जून 2018 का दिन लखनऊ के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं था, जब शहर के सबसे व्यस्तम इलाकों में दो होटलो में जबरदस्त आग ने तांडव मचाया था। उस दिन सुबह 5 बजे नाका चारबाग के बहुमंजिला होटल एसएसजे इंटरनेशनल होटल और होटल विराट में भीषण आग लगी। अग्निकांड में सब कुछ जलकर स्वाहा हो गया और इस कांड में एक महिला, एक मासूम समेत 8 जिदंगी भी जलकर राख हो गई। कई घरों के चिराग बूझ गए, कई परिवार उजड़ गए। कई मासूमों से उनके पिता का साया तक उठ गया। दर्जनों लोगों की चीख वहां देख रहे लोगों के जहन में कई दिन तक गूंजती रही। जांच, एफआईआर, गिरफ्तारी और मानकों को हल्ला मचता रहा। आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई, जांच में होटल मैनेजमेंट के साथ कई विभागों के लोग भी दोषी पाए गए, लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी जहां से चले थे और आज भी वहीं है। आज भी कोई तस्वीर नहीं बदली, मानकों की धज्जियों को उड़ा रहे नाका चारबाग के होटल फिर दिल्ली के करोलबाग जैसे एक और अग्निकांड का इंतजार कर रहे है। बिजनेस लिंक ने इस खबर को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद जिम्मेदारों ने काफी दौरे किये और शिकंजा कसने की दुहाई भी खूब दी, लेकिन तस्वीर बदलने में किसी को कोई सफलता नहं मिली। आज भी गली- गली में होटल बिना मानकों के चल रहे है। अग्निशमन विभाग ने अधिकांश होटलों में दौर कर व्यवस्था ठीक होने का दावा भी ठोका था, लेकिन वास्तविकता किसी से छिपी नहीं है।
होटल में अग्निकांड की घटनाएं
2 दिसंबर 2012 – नाका के होटल गैलक्सी के बेसमेंट में लगी थी आग।
12 मार्च 2013 – कैसरबाग के मकबूलगंज इलाके में स्थित होटल रॉयल रीजेंसी के बेसमेंट में लगी आग।
14 अगस्त 2013 – नाका के दीप अवध होटल में आग लगने से 84 लोग फंसे, जापानी नागरिक घायल।
3 मई 2016 – सर्पू मार्ग के गोमती होटल में आग से मची भगदड़।
20 जून 2016 – नाका के संता इन होटल में आग लगने से दो युवक झुलसे।
7 मई 2017- गाजीपुर के बेबियन इन होटल में आग लगने से लाखों का नुकसान।
14 जनवरी 2018 – विभूतिखंड के होटल रंजीश होटल के बेसमेंट में आग के धुएं से चार लोगों की मौत।
19 जून 2018- चारबाग के होटल एसएसजे इंटरनेशनल और होटल विराट में भीषण आग, 8 की मौत।
फायर के मानक पर भी सवाल
चीफ फायर अफिसर विजय कुमार के अनुसार अग्निशमन विभाग के मानक दो प्रकार के होते है। पहला फायर सेफ्टी और दूसरा ढ़ाचागत परमिशन। निर्देश के बाद कई होटल्स ने फायर सेफ्टी उपकरण लगाए है, जबकि अभी भी कई ऐसे होटल्स है जहां फायर सेफ्टी उपकरण लगाने ही संभव नहीं है। वह पूरी तरह से अवैध है। यहीं नहीं ढ़ाचागत परमिशन में 2005 से पहले होटल्स में कुछ छूट दी गई है लेकिन 2005 के बाद ढ़ाचागत परमिशन के मानक के आधार पर ही परमिशन दिया जा रहा है। ढ़ाचागत मानक में भी वर्तमान में कई होटल्स खरे नहीं उतरते है।
संकरी गलियों में चल रहे होटल
नाका- चारबाग में दर्जनभर से अधिक होटल ऐसे हैं जो गली मोहल्ले में चल रहे हैं। रिहायशी मकानों को होटल में तब्दील कर दिया गया है। ऐसी जगहों पर न तो फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां पहुंच सकती हैं और ना ही आपदा स्थित में रेसक्यू किया जा सकता है।
फरार है होटल के दोनों मालिक!
मिली जानकारी के मुताबिक 19 जून 2018 के होटल अग्निकांड में होटल के मैनेजर समेत कई जिम्मेदार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। हालांकि होटल के दोनों मालिक गिरफ्तार नहीं हुए थे। उन्होंने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ स्टेट ले लिया था। आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में उनके खिलाफ चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी गई है और एनबीडब्लू भी जारी हो चुका है।
नाका चारबाग के सभी होटल्स के मानकों को चेक किया गया। कई होटल्स ने अग्निशमन के कुछ मानकों को पूरा किया लेकिन अभी भी ढ़ाचागत मानक पूरे नहीं किए गए है। होटल्स और सभी जिम्मेदार विभागों को इसकी रिपोर्ट दे दी गई है। होटल मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द मानकों को पूरा करें। ज्यादातर होटल अवैध और गलत तरीके से चल रहे है।
विजय कुमार सिंह, चीफ फायर अफिसर